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Hindi News विदेश यूरोप 15 मिनट नहीं चला सकती थी कार, लेकिन घंटों चलाई मोटरकार

15 मिनट नहीं चला सकती थी कार, लेकिन घंटों चलाई मोटरकार

नाटिंघमशायर: इंग्लैंड के नाटिंघमशायर में तैनात एक महिला पुलिस ऑफिसर के उस झूठ का पर्दाफाश किया गया है जिसमें उसने कहा था कि वो 15 मिनट तक लगातार गाड़ी नहीं चला सकती है। लेकिन उसे हाल ही में उसे यूरोप की सड़कों पर मोटरहोम चलाते हुए पकड़ा गया है।

Zoe Hallam- India TV Hindi Zoe Hallam

नाटिंघमशायर: इंग्लैंड के नाटिंघमशायर में तैनात एक महिला पुलिस ऑफिसर के उस झूठ का पर्दाफाश किया गया है जिसमें उसने कहा था कि वो 15 मिनट तक लगातार गाड़ी नहीं चला सकती है। लेकिन उसे हाल ही में उसे यूरोप की सड़कों पर मोटरहोम चलाते हुए पकड़ा गया है। दरअसल इस महिला पुलिस निरीक्षक ने बताया था कि एक कार दुर्घटना में आई चोट के बाद वह लगातार 15 मिनट से ज्यादा गाड़ी नहीं चला सकती है।

 

48 साल की महिला पुलिस निरीक्षक जो हैलम साल 2011 में एक कार दुर्घटना में चोटिल हो गईं थीं। नाटिंघमशायर के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हैलम ने कहा था कि वो एक ही समय लगातार 15 मिनट तक गाड़ी नहीं चला सकती है। लेकिन उसे हाल ही में एक फैमिली हॉली-डे के दौरान घंटों मोटरहोम चलाते हुए देखा गया। इस महिला पुलिस निरीक्षक के सहयोगी भी हैरान थे कि जो हैलम ने अपनी चोट के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताया। उन्होंने हैलम को फ्रांस और जर्सी में ड्राइविंग करते हुए एक फिल्म भी शूट की। इतनी ही नहीं इस महिला को छोटी नाव में पैडलिंग करते हुए और समुद्र में तैराकी करते हुए भी देखा गया। साथ ही हैलम बीच पर साइकिल चलाती हुई भी दिखीं। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुनवाई दल के प्रमुख सहायक मुख्य कांस्टेबल सिमोन टोर ने हैलम से कहा, “आप पर यह आरोप लगे हैं कि आपने अपनी चोटों के बारे में जानकारी देने के दौरान ईमानदारी नहीं बरती। साथ ही आपने अपनी बीमारी के लक्षणों के बारे में ऐसी कोई पुख्ता जानकारी भी नहीं दी और आप ये गतिविधियां करती दिखीं।

सेना के पेशेवर मानक विभाग की सदस्य डेब्रा पावेल ने बताया कि इंस्पेक्टर हैलम ने हर बार अपने सहायकों को यही बताया कि वो गाड़ी नहीं चला सकतीं, वो सिर्फ थोड़ी दूरी तक ही लगातार गाड़ी चला सकती हैं। उन्होंने बताया कि हैलम ने कभी नहीं कहा कि वो घंटों तक गाड़ी चला सकती हैं। वहीं इस मामले में हैलम ने सभी आरोपों का खंडन किया है, साथ ही यह भी कहा कि उनके विभाग के लोगों ने काम पर लौटने के लिहाज से उनकी उचित मदद नहीं की। बहरहाल फिलहाल इस मामले की सुनवाई जारी है जो पांच दिन तक चलेगी।

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