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PM मोदी परमाणु सम्मेलन के लिए वॉशिंगटन पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में हिस्सा लेने के लिए वाशिंगटन पहुंच गए हैं। पीएम मोदी आज से वॉशिंगटन में शुरू हो रही परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। आगामी 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री वॉशिंगटन से सऊदी अ

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ब्रसेल्स: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन (एनएसएस) में हिस्सा लेने के लिए वाशिंगटन पहुंच गए हैं। पीएम मोदी आज से वॉशिंगटन में शुरू हो रही परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। आगामी 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री वॉशिंगटन से सऊदी अरब के लिए रवाना होंगे। पीएम मोदी वहां शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद के मुलाकात करेंगे।

दो दिन के इस सम्मेलन से पहले वह व्हाइट हाउस में 53 देशों के नेताओं के साथ एक डिनर में हिस्सा लेंगे। सम्मेलन का मक़सद पांच अहम बातों पर एक्शन प्लान तैयार करना है। इनमें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए), यूएन, इंटरपोल, ग्लोबल इनीशिएटिव टु कॉम्बैट न्यूक्लियर टैररिज़्म और जी-7 देशों के बीच जनसंहार के हथियारों के विस्तार के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय सहयोग बनाना है।

इससे पहले ब्रसेल्स पहुंचे पीएम मोदी ने यहां भारतीय समुदाय को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर हमला करते हुए कहा कि जब तक अमेरिका के 9/11 हमले ने दुनिया को झकझोर नहीं दिया, तब तक दुनिया मानने को तैयार नहीं थी कि भारत आतंकवाद के कितने बड़े संकट को झेल रहा है। लेकिन भारत आतंकवाद के सामने न कभी झुका है और न ही झुकने का कोई सवाल उठता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद किसी एक देश को नहीं बल्कि पूरी मानवता को चुनौती दे रहा है। जो लोग मानवता में विश्वास रखते हैं उन्हें मिलकर आतंकवाद से लड़ना होगा।

इसके आलावा पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कामों का गुणगान किया। पीएम मोदी ने वहां अपनी सरकार का रिपोर्टकार्ड रखते हुए बताया कि सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 1000 दिन में वो 18 हज़ार गावों में बिजली पहुंचाने के वादे को पूरा करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, रेलवे का काम भी तेजी से हो रहा है और अब हर दिन 20-22 किलोमीटर सड़कें भी बनती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि सालों से चले आ रही 'वन रैंक वन पेंशन' की मांग उनकी सरकार ने पूरी की है और बांग्लादेश का सीमा विवाद भी ख़त्म किया है।

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