नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के मोंट ब्लांक पर्वतमाला में एअर इंडिया के दो विमान हादसों में मारे गये लोगों की याद में बनाये गये स्मारक का शुक्रवार को उद्घाटन किया। इन दुर्घटनाओं में भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले होमी जहांगीर भाभा समेत कई भारतीयों की मौत हो गयी थी।
माउंट ब्लांक की तलहटी में बना स्मारक ‘नीड डीइगल’ भाभा और कई अन्य भारतीयों को समर्पित है जो 1950 एवं 1966 में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के दो विमानों में सवार थे। मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्मारक का उद्घाटन करने के बाद यहां यूनेस्को मुख्यालय में भारतीय समुदाय को संबोधित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘दुख के इस क्षण में भारत और फ्रांस एकसाथ खड़े हैं। दोनों विमान दुर्घटनाओं में हमने होमी भाभा समेत कई भारतीय यात्रियों को खोया। उन हादसों में अपनी जान गंवाने वाले भारतीयों को मेरी श्रद्धांजलि। यह दो देशों के लोगों के बीच एक दूसरे के प्रति सहानुभूति का उदाहरण है।’’
फ्रांस की आल्पस पर्वतमाला के माउंट ब्लांक पर्वत पर 1966 में विमान दुर्घटना में भाभा की मौत हो गयी थी, जिसे भारत के वैज्ञानिक विकास की दिशा में एक बड़ी क्षति माना जाता है। 24 जनवरी 1966 को दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान 101 में कुल 106 यात्री और चालक दल के नौ सदस्य थे। इस विमान का नाम ‘कंचनजंघा’ था। कंचनजंघा विमान दुर्घटना माउंट ब्लांक के उसी जगह हुई थी जहां 16 साल पहले तीन नवंबर 1950 को एअर इंडिया का एक और विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस दुर्घटना में 48 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। बर्फ से ढंके इस पर्वतीय क्षेत्र से यात्रियों और चालक दल के सदस्यों का शव कभी नहीं निकाला जा सका।
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