वारसॉ: कई देशों की आर्मी और पुलिस में कुत्तों और घोड़ों का रोल बेहद अहम होता है। जब तक ये आर्मी या पुलिस की सेवा में रहते हैं, तब तक तो इनका खूब ख्याल रखा जाता है, लेकिन रिटायर होने के बाद आमतौर पर इनके हालात कुछ अच्छे नहीं होते। ऐसे में यूरोप का एक देश पोलैंड पुलिस, बॉर्डर गार्ड और दमकल सेवाओं से रिटायर होने वाले अपने कुत्तों और घोड़ों को पेंशन देने की योजना बना रहा है। ऐसा करने के लिए सरकार का मकसद है कि देश की सेवा करने वालों को सेवा के बाद भी सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
बता दें कि पोलैंड में अभी तक सेवारत कुत्तों और घोड़ों को सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी देखभाल मिलनी बंद हो जाती है। रिटायर होने के बाद उन्हें गैर सरकारी संगठनों या ऐसे लोगों को सौंप दिया जाता है जो उन्हें गोद लेना चाहते हैं। सुरक्षा बलों/पुलिस के सदस्यों आदि की अपील पर गृह मंत्रालय ने एक नए कानून का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत इन कुत्तों और घोड़ों को आधिकारिक दर्जा और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने की योजना है। इसके चलते इनके नए मालिकों को भी उनकी देखभाल पर आने वाले मोटे खर्च से परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।
गृह मंत्री मॉरिस कमिन्सकी ने प्रस्तावित कानून के मसौदे को नैतिक जिम्मेदारी बताया है, जिसे संसद से आम सहमति मिलनी चाहिए। इस विधेयक साल के अंत में संसद में पेश होना है। यह नया कानून पास होने के बाद फिलहाल सेवा में तैनात करीब 1200 कुत्तों और 60 घोड़ों को प्रभावित करेगा। बता दें कि कई मामलों में इन जानवरों को गोद लेने वाले लोग उन्हें चेन में बांधकर रखते हैं और उनसे रखवाली का काम लेते हैं। ऐसे में इनका जीवन कष्टमय हो जाता है। पोलैंड के आंतरिक मंत्रालय के मुताबिक, हर साल सेवा कर रहे करीब 10 प्रतिशत जानवर रिटायर हो जाते हैं। ज्यादातर कुत्ते जर्मन या बेल्जियन शेफर्ड्स हैं।
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