दावोस: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान और अमेरिका को अपने द्विपक्षीय संबंधों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि उसे 'अफगानिस्तान के चश्मे से' देखना चाहिए। दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) में बुधवार को आसिफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुक्रवार को दावोस में भाषण देने के दौरान पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर बोलने के आसार नहीं हैं। वहीं, अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने भी इसी से मिलता जुलता बयान दिया था।
'सीएनबीसी' ने आसिफ के हवाले से बताया, ‘सच कहूं तो हम पिछले एक साल से जो सुन रहे हैं, उसके आधार पर हम थोड़े शंकित हैं और वह जो कहते आ रहे हैं, उसमें किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। हमारे बीच का संबंध क्षेत्र की सिर्फ एक समस्या पर टिकी नहीं रहना चाहिए।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इसे लेकर चिंतित हैं कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध जटिल निष्कर्ष पर पहुंच गया है? तो विदेश मंत्री ने कहा, ‘इसकी मरम्मत होनी चाहिए, इस पर कोई संदेह नहीं है।’
इससे पहले अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत एजाज अहमद चौधरी ने कहा, ‘कभी-कभार हमें अफगानिस्तान के चश्मे से देखा जाता है, अफगानिस्तान में अमेरिका प्रगति नहीं कर रहा है और यह स्थिति नाकामी तक पहुंच सकती है। ऐसे में पाकिस्तान को संकुचित सोच के साथ देखने का चलन हो गया है।’ चौधरी ने कहा कि कभी-कभी पाकिस्तान को चीन के चश्मे से देखा जाता है और यह माना जाता है कि पाकिस्तान चीन के करीबी है और ऐसे में वह अमेरिका के साथ मित्रवत नहीं रहेगा।
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