लंदन: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 के टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के अंतरिम परिणाम सोमवार को प्रस्तुत किये गए जिसमें यह संक्रमण की रोकथाम में 'प्रभावी' पाया गया है। एस्ट्राजेनेका कंपनी की मदद से टीके का विकास किया जा रहा है। दो बार की खुराक के सामूहिक आंकड़ों को देखें तो टीके का प्रभाव 70.4 प्रतिशत देखा गया। वहीं दो अलग-अलग खुराकों में इसका प्रभाव एक बार 90 प्रतिशत और दूसरी बार 62 प्रतिशत रहा। शुरुआती संकेतों से लगता है कि यह टीका बिना लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में वायरस के प्रसार को कम कर सकता है।
ऑक्सफोर्ड टीका समूह के निदेशक और परीक्षण के मुख्य अध्ययनकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, ‘‘ये निष्कर्ष दिखाते हैं कि हमारे पास एक प्रभावी टीका है जो कई लोगों की जान बचाएगा। उत्साह की बात है कि टीके की एक खुराक 90 प्रतिशत तक प्रभावी हो सकती है और इसका इस्तेमाल किया गया तो योजनाबद्ध आपूर्ति के साथ अधिक से अधिक लोगों को टीका दिया जा सकता है।’’
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में टीकाविज्ञान की प्रोफेसर साराह गिलबर्ट ने कहा, ‘‘आज की घोषणा हमें ऐसे वक्त के और करीब ले जाती है जब हम कोविड-19 से होने वाली तबाही को समाप्त करने के लिए टीकों का उपयोग कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम नियामकों को विस्तृत जानकारी देते रहेंगे। इस बहुराष्ट्रीय प्रयासों का हिस्सा रहना सम्मान की बात है जिससे पूरी दुनिया को फायदा होगा।’’ विश्वविद्यालय के अनुसार ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न जातीय और भौगोलिक समूहों के 24,000 से अधिक प्रतिभागियों पर अध्ययन चल रहा है। इसके अलावा भारत, अमेरिका, केन्या और जापान में भी आगे के परीक्षण चल रहे हैं और इस साल के अंत तक परीक्षण में कुल 60,000 प्रतिभागियों को शामिल किया जा सकता है।
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