लंदन: ब्रिटिश मीडिया की एक खबर के अनुसार कोविड-19 से निपटने के लिए एस्ट्राजेनेका द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके को 2021 की शुरूआत में लाने के वास्ते इस साल के अंत तक देश के स्वतंत्र नियामक से मंजूरी मिलने की संभावना है। समाचार पत्र ‘द डेली टेलीग्राफ’ ने वरिष्ठ सरकारी सूत्रों के हवाले से अपनी खबर में ऐसे संकेत दिये कि मेडिसिन एंड हेल्थकेयर रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) सोमवार को अंतिम डाटा उपलब्ध कराये जाने के बाद 28 दिसम्बर या 29 दिसम्बर तक इसे मंजूरी दे सकती है।
मानव परीक्षणों में इस टीके के ‘‘सुरक्षित और प्रभावी’’ पाये जाने के बाद ब्रिटिश सरकार ने पिछले महीने इस एजेंसी को मंजूरी दिये जाने की प्रक्रिया का काम औपचारिक रूप से सौंपा था। समाचार पत्र ने खबर में कहा है, ‘‘एमएचआरए द्वारा दी गई मंजूरी दुनियाभर के देशों में भी विश्वास दिलायेगी। भारत पहले ही एस्ट्राजेनेका के पांच करोड़ से अधिक टीकों का निर्माण कर चुका है।’’
भारत में, टीके का निर्माण भारत के सीरम संस्थान के साथ मिलकर किया जा रहा है। ब्रिटेन में स्वास्थ्य अधिकारियों को उम्मीद है कि ऑक्सफोर्ड टीके को मंजूरी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी जिसमें टीकों को फाइजर/बायोएनटेक की तुलना में कहीं अधिक आसानी से ले जाया और लगाया जा सकेगा। इन टीकों को बहुत ठंडे तापमान पर संग्रहित किया जाना चाहिए।
खबर के अनुसार ऑक्सफोर्ड / एस्ट्राजेनेका, एजेडडी 1222, टीके के आकलन के लिए नियामकों ने अधिक समय लिया है क्योंकि विभिन्न समूहों में पाई जाने वाली प्रभावकारिता दरों में अंतर 62 से 90 प्रतिशत तक है। हालांकि, इस सप्ताह जारी एक अध्ययन में कहा गया है कि प्रभावकारिता को बढ़ावा देने के लिए खुराक के बीच पर्याप्त अंतराल छोड़ना सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। सरकार वित्त पोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) ने फुटबॉल स्टेडियमों, रेसकोर्स और कॉन्फ्रेंस केन्द्रों में “बड़े पैमाने पर” टीकाकरण स्थलों की योजना तैयार की है। एनएचएस का ब्रिटेन में फाइजर टीके के साथ व्यापक स्तर पर टीकाकरण पर जोर है।
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