ओस्लो: दुनिया को परमाणु हथियारों से मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाने वाली संस्था 'इंटरनेशनल कैम्पेन टू अबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स' (iCAN) को नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। नोबेल कमिटी की प्रमुख बेरिट रेइस-ऐंडरसन ने कहा कि परमाणु हथियारों पर रोक की संधि की iCAN की कोशिशों के लिए ये पुरस्कार दिया गया है। ऐसे समय में जब उत्तर कोरिया और ईरान से जुड़ा परमाणु हथियार संकट गहरा रहा है, यह बेहद समीचीन है।
नोर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष ब्रिट रेइस-एंडरसन ने कहा, ‘संस्थान को परमाणु हथियारों के प्रयोग से होने वाली भीषण मानवीय क्षति की ओर ध्यान आकर्षित करने संबंधी उसके कार्य और संधि के आधार पर ऐसे हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के अथक प्रयासों के लिए पुरस्कार दिया जा रहा है।’ नोबेल शांति पुरस्कार पानी वाली इस संस्था का कहना है कि उनका काम अभी पूरा नहीं हुआ है और परमाणु हथियारों की पूरी तरह समाप्ति होने तक वह प्रयास जारी रखेंगे।
iCAN की प्रमुख बी. फिन ने इस सप्ताह कहा था, ‘हमारा काम अभी पूरा नहीं हुआ है। परमाणु हथियारों के खात्मे तक काम पूरा नहीं होगा।’ आईकैन के मुताबिक, वह 100 से ज़्यादा देशों में काम करने वाले गैर-सरकारी संस्थाओं का एक समूह है। इसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया में हुई थी और साल 2007 में वियना में इसे औपचारिक तौर पर लॉन्च किया गया था। संस्था को दिसंबर में नोबेल पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इसका हेडक्वॉर्टर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित है।
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