‘नाम के निदेशकों’ ने लगाए नीरव मोदी पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप: वीडियो
नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की अदालत ने एक वीडियो चलाया, जिसमें नीरव की कंपनियों से जुड़े तथाकथित ‘सिर्फ नाम के निदेशकों’ ने कैमरे के सामने आरोप लगाया है कि उन्हें चोरी के आरोपों में फंसाने और जान से मारने तक की धमकियां दी गई थीं।
लंदन: धोखाधड़ी एवं धनशोधन के आरोपों से घिरे हीरा व्यापारी नीरव मोदी के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की अदालत ने एक वीडियो चलाया, जिसमें नीरव की कंपनियों से जुड़े तथाकथित ‘सिर्फ नाम के निदेशकों’ ने कैमरे के सामने आरोप लगाया है कि उन्हें चोरी के आरोपों में फंसाने और जान से मारने तक की धमकियां दी गई थीं। सीबीआई ने ‘सिर्फ नाम के इन निदेशकों’ का वीडियो ब्रिटेन की अदालत को सौंपा था। इस सप्ताह सुनवाई के दौरान लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में दिखाये गये इस वीडियो में छह भारतीयों को सुना जा सकता है। उनमें से हरेक ने दुबई छोड़ने और मिस्र के काहिरा जाने के लिए मजबूर करने के आरोप लगाये हैं।
उनके अनुसार वहां उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये गये और नीरव के भाई नेहाल मोदी ने संदिग्ध कागजातों पर कथित रूप से उनकी मर्जी के खिलाफ हस्ताक्षर कराये। जून 2018 को रिकॉर्ड किए गए वीडियो में एक व्यक्ति कह रहा है, ‘‘मेरा नाम आशीष कुमार मोहनभाई लाड है, मैं हांगकांग की सनशाइन जेम्स लिमिटेड और दुबई की यूनिटी ट्रेडिंग फजे का सिर्फ नाम का मालिक हूं।’’
उसने कहा, ‘‘नीरव मोदी ने मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि वह मुझे चोरी के मामले में फंसा देगा। उसने भद्दे शब्द इस्तेमाल किये। मुझसे कहा कि वह मुझे मरवा डालेगा।’’ सीबीआई के अन्य गवाहों में रुषभ जेठवा, सोनू मेहता, श्रीधर मायेकर, नीलेश कुमार बलवंतराय मिस्त्री शामिल हैं। मेहता शारजाह की ‘एम्पायर जेम्स एफजेडई’, मेहता हांगकांग की ‘ऑरगेम कंपनी लिमिटेड’, मायेकर अजमान में ‘यूनीक डायमेंड एंड जूलरी’ और मिस्त्री दुबई की ‘हैमिल्टर प्रीशियस ट्रेडर्स लिमिटेड’ के ‘सिर्फ नाम के निदेशक’ हैं।
वीडियो में उन्हें हिंदी और गुजराती में यह कहते सुना जा सकता है कि वे यह इसलिए अपनी बात रिकॉर्ड कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा का खतरा है और वे भारत वापस जाना चाहते हैं लेकिन उन्हें उनकी इच्छा के विरुद्ध रोक कर रखा गया है। जेठवा ने कहा, ‘‘हमने दस्तावेज पर इसलिए हस्ताक्षर किए क्योंकि यदि हम ऐसा नहीं करते, तो वे हमारे पासपोर्ट वापस नहीं करते।’’ ये गवाह प्रवर्तन निदेशालय के इस खुलासे से जुड़े हैं कि हांगकांग और दुबई में स्थित कई कंपनियों में सिर्फ नाम के निदेशक/मालिक/प्रबंधक नियुक्त किए गए हैं, लेकिन इन कंपनियों पर नीरव मोदी का सीधा नियंत्रण है।
भारत में 49 वर्षीय नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक को छल से प्राप्त आश्वासन पत्रों या बैंक गारंटी के साथ ठगने और फिर छद्म कंपनियों के पेचीदगी भरे लेन-देन के माध्यम से इस रकम का शोधन करने का आरोप है। वह भारत में पंजाब नेशनल बैंक से दो अरब डालर के कर्ज की धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में आरोपी है और उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
नीरव लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है। वह दक्षिण-पश्चिम लंदन में वैंड्सवर्थ जेल में अपने कमरे से वीडियो लिंक के माध्यम से अदालती कार्यवाही में शामिल हो रहा है। उसे पिछले साल मार्च में गिरफ्तार करने के बाद से जेल में रखा गया है। वह पिछले साल से जमानत के बार-बार प्रयास कर चुका है लेकिन उन्हें खारिज कर दिया गया, क्योंकि उसके देश छोड़कर भाग जाने का खतरा है।