नई दिल्ली: इटली में फंसे 300 भारतीयों की मदद के लिए इटली और भारतीय दूतावास संपर्क में है। इटली में फंसे भारत के 300 छात्रों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। इन सभी छात्रों का कोरोना वायरस को लेकर टेस्ट हुआ है जिसके बाद रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इससे पहले इन छात्रों ने कहा था कि इटली के डॉक्टर अभी स्थानीय लोगों को देख रहे है। ऐसे में विदेशियों को कोई भी अस्पताल या डॉक्टर हेल्थ क्लीरियंस नहीं दे रहा है।
बता दें कि इटली से इस सप्ताह वापस आए और आईटीबीपी के पृथक केंद्र में रह रहे दो लोगों की जांच में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों मरीजों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोरोना वायरस से प्रभावित इटली से कुल 218 भारतीयों को यहां रविवार को लाया गया था और दिल्ली के छावला क्षेत्र में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पृथक केंद्र में रखा गया था।
गौरतलब है कि चीन के बाद इटली ही कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। इटली में कोरोना से 2500 लोगों की जान जा चुकी है। इटली का एक इलाक़ा ऐसा भी है, जहां हालात चीन के वुहान जैसे ही हो गए हैं। इस इलाक़े का नाम है 'लोंबार्डी'। ये इलाक़ा यूरोप में इस महामारी का केंद्र बना हुआ है। लोंबार्डी में क़रीब एक करोड़ लोग रहते हैं।
बीते रविवार को इटली में एक दिन में रिकॉर्ड 368 मौते हुईं। चौंकाने वाली बात ये है कि इटली में कोरोना की वजह से जितने लोगों की जान गई है उनमें से 67 प्रतिशत लोगों की मौत उत्तरी लोंबार्डी इलाक़े में हुई है। इटली के हर 100 मामलों में से 60 मामले लोंबार्डी इलाक़े से सामने आ रहे हैं।
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