A
Hindi News विदेश यूरोप मोदी ने कैमरन के सामने उठाया छात्र वीजा का मुद्दा

मोदी ने कैमरन के सामने उठाया छात्र वीजा का मुद्दा

लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष डेविड कैमरन के साथ बातचीत में ब्रिटेन में पढ़ने के लिए आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी कमी और उन्हें वीजा आवेदन के संबंध

मोदी ने कैमरन के सामने...- India TV Hindi मोदी ने कैमरन के सामने उठाया छात्र वीजा का मुद्दा

लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष डेविड कैमरन के साथ बातचीत में ब्रिटेन में पढ़ने के लिए आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी कमी और उन्हें वीजा आवेदन के संबंध में होने वाली दिक्कतों पर चिंता जतायी। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री ने (छात्र वीजा का) मुद्दा बहुत मजबूती से उठाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में ब्रिटेन में भारतीय छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत घटी है। प्रवक्ता ने कहा, उन्होंने कहा कि भारतीय छात्र दुनिया में बेहतरीन और मेधावी हैं और दोनों पक्षों के लिए यह फायदे की स्थिति होगी। भारतीयों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा की जरूरत है और भारतीय छात्र जो विशेषग्यता लेकर आते हैं उससे ब्रिटेन को फायदा होगा।

प्रवक्ता ने कहा, प्रधानमंत्री ने कहा कि हम फिलहाल ऐसी स्थिति में हैं जहां असल में कई देश भारतीय छात्रों को लुभा रहे हैं क्योंकि भारत आज शिक्षा का सबसे बड़ा बाजार है। वहां फलता-फूलता मध्य वर्ग है, आकांक्षी उच्च वर्ग है जो अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाना चाहता है और यह समय मौका हासिल करने का है जो बड़ा आर्थिक बाजार बन गया है। मुद्दे पर कैमरन की प्रतिक्रिया के बारे में उन्होंने कहा, काफी समझ और सराहना हुयी। यह निरंतर चर्चा का विषय है। मुझे नहीं लगता कि हम इस बातचीत को विराम दे सकते हैं।

हायर एडुकेशन फंडिंग काउंसिल फॉर इंग्लैंड की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2012-13 में 10,235 रह गई जो 2010-11 में 18,535 थी। विश्वविद्यालयों ने आव्रजन से छात्रों को अलग रखने का आह्वान करते हुए आगाह किया था कि प्रवासियों की संख्या घटाने की कंजरवेटिव पार्टी की कवायद से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
अध्ययन पश्चात कार्य वीजा सुविध हटाने को भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट का एक बड़ा कारण माना जा रहा है, जो ब्रिटेन के बजाए अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसी जगहों को तरजीह देते हैं। इस वीजा के तहत छात्रों को अपना पाठ्यक्रम खत्म करने के बाद दो साल काम करने की इजाजत होती है।

Latest World News