दावोस: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पद संभालने के ठीक बाद उन्होंने शांति के प्रस्ताव के साथ भारत के अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी से संपर्क किया तो उन्हें अवरोध का सामना करना पड़ा। विश्व आर्थिक मंच 2020 के सम्मेलन से इतर पत्रिका ‘फॉरेन पॉलिसी’ को दिए एक साक्षात्कार में खान ने यह भी कहा कि उन्होंने मोदी से कहा था कि अगर पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तानी संलिप्तता का कोई भी सबूत दिया गया तो पाकिस्तान सख्ती से कार्रवाई करेगा लेकिन इसकी बजाए भारत ने पाकिस्तान पर ही ‘बम फोड़’ दिया।
पिछले साल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव और गहरा गया। उसके बाद से खान तनाव कम करने के लिए लगातार वैश्विक दखल की मांग कर रहे हैं।
साक्षात्कार में खान ने कहा कि उनका अटूट विश्वास है कि सैन्य तरीके से संघर्ष का समाधान नहीं हो सकता। खान ने कहा कि पद संभालने के बाद उन्होंने तुरंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संपर्क किया लेकिन, प्रतिक्रिया देखकर वह भौचक रह गए।
खान ने कहा कि उपमहाद्वीप में दुनिया के सबसे ज्यादा गरीब लोग हैं और गरीबी से मुकाबले के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि दो देशों के बीच हथियारों पर धन खर्च करने की जगह कारोबारी संबंध हो। यही बात मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कही लेकिन अवरोध का ही सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय शक्तियों से भारत के साथ तनाव कम करने में मदद का अनुरोध करते हुए कहा था कि उन्हें दोनों परमाणु हथियार रखने वाले देशों को उस स्थिति में पहुंचने से रोकने के लिए 'निश्चित रूप से कदम उठाने चाहिए' जहां से वापस नहीं लौटा जा सके।
डॉन अखबार के मुताबिक, इमरान खान ने दावा किया कि भारत, नागरिकता संशोधन कानून और कश्मीर के मुद्दे को लेकर घरेलू प्रदर्शनों से ध्यान हटाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ा सकता है।
Latest World News