लंदन: एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद ब्रिटेन में विंस्टन चर्चिल और महात्मा गांधी की मूर्तियों को गिराया जा सकता है। खबरों को मुताबिक, चर्चिल और गांधी के नाम उपनिवेशवाद और गुलामी में शामिल होने की समीक्षा करने वाली वेल्श सरकार की रिपोर्ट में आने के कारण ऐसा हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कई प्रतिष्ठित लोगों पर सवाल उठाए गए हैं और उनके दोषों का आंकलन करने की जरूरत है।’ बता दें कि एक तरफ जहां ब्रिटेन में विंस्टन चर्चिल को एक नायक के तौर पर देखा जाता है, तो महात्मा गांधी को भारत में राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त है।
चर्चिल पर लगाए गए हैं गंभीर आरोप
बता दें कि यह रिपोर्ट ब्लैक लाइव्स मैटर के विरोध के बीच आई और इसने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री चर्चिल और नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाले और पूरी दुनिया में सम्मान की नजर से देखे जाने वाले गांधी की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चर्चिल के नाम पर 2 इमारतें और 15 स्ट्रीट्स हैं, उन्हें दक्षिण वेल्स के खनन समुदायों में व्यापक रूप से नापसंद किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चर्चिल ने 'एंग्लो-सैक्सन जाति की श्रेष्ठता में विश्वास व्यक्त किया', 'ब्रिटिश साम्राज्य को खत्म करने का विरोध किया', और वे 'बंगाल को राहत देने के लिए पर्याप्त कार्रवाई करने में विफल' रहे थे।
महात्मा गांधी पर ‘नस्लवाद’ का आरोप
इस रिपोर्ट में भारत की स्वतंत्रता में अहम रोल निभाने वाले और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अपने हक की लड़ाई लड़ने का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी का भी नाम है, जिनकी मूर्ति वेल्श की राजधानी में स्थित है। इस रिपोर्ट में महात्मा गांधी को 'अश्वेत दक्षिण अफ्रीकियों के खिलाफ नस्लवाद' को लेकर फंसाया गया है। ऑडिटर का नेतृत्व करने वाले ग्योर लेगेल ने द गार्जियन को बताया कि कुछ विवादास्पद स्मारक ‘संग्रहालयों में स्थानांतरित किए जा सकते हैं ताकि लोग इन्हें देख सकें। मुझे चीजों को नष्ट करने का मामला नहीं दिख रहा है।’
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