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लंदन ब्रिज हमले में 2 लोगों की मौत, जेल से पिछले साल आजाद हुआ था मारा गया आतंकी उस्मान खान

ब्रिटेन के मशहूर लंदन ब्रिज के पास शुक्रवार को हुई आतंकी घटना में 2 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

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लंदन: ब्रिटेन के मशहूर लंदन ब्रिज के पास शुक्रवार को हुई आतंकी घटना में 2 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कॉटलैंड यार्ड ने फर्जी विस्फोटक जैकेट पहने एक पुरुष संदिग्ध को घटनास्थल पर मार गिराने की पुष्टि कर दी है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, उसकी पहचान 28 वर्षीय उस्मान खान के रूप में हुई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक बयान में कहा, ‘जांच जारी है। पुलिस पुष्टि कर सकती है कि यह एक आतंकवादी घटना है।’

हमले में कई लोग हुए घायल
स्कॉटलैंड यार्ड के ‘हेड ऑफ काउंटर टेररिज्म पुलिसिंग’ के सहायक आयुक्त नील बसु ने बताया कि इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार दोपहर करीब दो बजे पुलिस को चाकूबाजी की घटना की सूचना मिली। सिटी ऑफ लंदन पुलिस के विशेषज्ञ सशस्त्र अधिकारियों ने पुरुष संदिग्ध को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई और मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि इस संदिग्ध की मौके पर ही मौत हो गई।’

लंदन ब्रिज आतंकी हमले के बाद इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई। AP

जून 2017 में भी हुआ था हमला
हालांकि इसके कुछ ही देर बाद घायलों में से 2 लोगों की मौत की खबर आई। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनता के बीच से घटनास्थल से अस्पताल ले जाए गए 2 लोगों की मौत हो गई। ब्रिटेन के आतंकवाद रोधी अधिकारियों ने जांच अपने हाथ में ले ली है और घटना को अब आतंकवादी घटना घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने ब्रिज की घेराबंदी कर रखी है। लंदन ब्रिज उन इलाकों में से एक है जहां जून 2017 में इस्लामिक स्टेट के आतंकी हमले में 11 लोगों की मौत हो गई थी।

जेल से हाल ही में आजाद हुआ था जिहादी
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, लंदन ब्रिज हमले में मारा गए जिहादी आतंकी उस्मान खान को जेल से दिसंबर 2018 में इलेक्ट्रॉनिक टैग पर आजाद किया गया था। उसे 2012 में आतंकवाद के जुर्म में ही सजा मिली थी। संदिग्ध जिहादी आतंकवादी ने एक नकली आत्मघाती जैकेट पहन रखी थी और उसने लोगों पर अचानक ही हमला कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उन्होंने कई बार इस बात की चर्चा की है कि ऐसे खतरनाक अपराधियों को जेल से जल्दी बाहर नहीं आने देना चाहिए।

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