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सौर मंडल से बाहर भी हो सकता है जीवन

बर्लिन: वैज्ञानिकों के एक दल ने एक नवनिर्मित तारे में जीवन की संभावना वाले जटिल कार्बनिक यौगिक का पहली बार पता लगाया है, जिससे हमारे सौरमंडल से बाहर जीवन की संभावना वाले सिद्धांत को बल

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बर्लिन: वैज्ञानिकों के एक दल ने एक नवनिर्मित तारे में जीवन की संभावना वाले जटिल कार्बनिक यौगिक का पहली बार पता लगाया है, जिससे हमारे सौरमंडल से बाहर जीवन की संभावना वाले सिद्धांत को बल मिला है। समाचार एजेंसी एफे में आई रपट से यह जानकारी मिली।

 

अग्रणी विज्ञान शोध पत्रिका 'नेचर' के ताजा अंक में प्रकाशित एक लेख में वैज्ञानिकों के दल के हवाले से कहा गया है, "हमने नवनिर्मित युवा तारे एमडब्ल्यूसी 480 में बड़ी मात्रा में मिथाइल सायनाइड (सीएच3सीएन) का पता लगाया।"

 

अनुसंधान में लगे वैज्ञानिक इसे एक अहम खोज मान रहे हैं, क्योंकि पता लगाए गए यौगिक में कार्बन और नाइट्रोजन के परमाणु शामिल हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ये रासायनिक संबंध अमीनो अम्ल के निर्माण में बेहद महत्वपूर्ण हैं, जो प्रोटीन का मूलभूत तत्व है और इस तरह यह यौगिक जीवन की उत्पत्ति में अहम है।

घने गैसों से घिरा यह नया प्रोटोप्लैनेटरी डिस्क (तारा) के बाहरी शीतल हिस्से में मिथाइल सायनाइड एवं उसके निकटवर्ती यौगिक हाइड्रोजन सायनाइड पाए जाने के सबूत मिले हैं।

गौरतलब है कि यह नवनिर्मित तारा हमारे सूर्य से 10 गुना विशाल है और पृथ्वी से 455 प्रकाश वर्ष दूर है।

यूरोपीयन साउदर्न ऑब्जर्वेटरी (ईएसओ) ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "इस खोज से उस सिद्धांत की एकबार फिर से पुष्टि होती है कि सूर्य और पृथ्वी के बीच संबंध ब्रह्मांड में अपने आप में अनूठा नहीं है।"

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