जानें, कैसे एक साधारण परिवार में जन्मे पुतिन बन गए रूस के सबसे ताकतवर नेता
एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद KGB अधिकारी से वैश्विक नेता बनने तक का सफर तय करने वाले व्लादिमीर पुतिन के मुकाबले आज रूस में कोई भी खड़ा नहीं दिखता है...
मॉस्को: एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद KGB अधिकारी से वैश्विक नेता बनने तक का सफर तय करने वाले व्लादिमीर पुतिन के मुकाबले आज रूस में कोई भी खड़ा नहीं दिखता है। उन्होंने रूस पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ-साथ विपक्ष को कमजोर किया और यह सुनिश्चित किया कि उनकी सत्ता को कभी भी चुनौती न मिल सके। पुतिन ने अपने साथ-साथ विदेशों में रूस की ताकत की भी नई झलक दिखाई। 65 साल के पुतिन को सोमवार को चौथी बार देश के राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। सोवियत संघ के विघटन के बाद एक दशक तक रूस में कानूनविहीन लेकिन अपेक्षाकृत मुक्त समाज रहने के बाद पुतिन ने उस पर दोबारा क्रेमलिन की पकड़ मजबूत की।
जूडो में ब्लैक बेल्ट है पुतिन के पास
अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर उन्होंने 3 अमेरिकी राष्ट्रपतियों के कार्यकाल देखे और यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र का रूस में विलय कराकर एवं सीरिया में हस्तक्षेप कर पश्चिमी देशों के साथ एक तरह से नई दुश्मनी की शुरूआत की। पिछले 4 सालों से फोर्ब्स पत्रिका द्वारा दुनिया की सबसे ताकतवर हस्ती करार दिए जा रहे पुतिन जूडो में ब्लैक बेल्टधारी नेता हैं। उन्होंने कभी साइबेरिया के जंगल में घुड़सवारी करते हुए बिना कमीज पहने तो कभी एक लुप्तप्राय प्रजाति के बाघ को शांत करने के लिए डार्ट से शूट करते तस्वीर खिंचाई और इस तरह अलग-अलग तरीकों से खुद को खबरों में बनाए रखा। रूसी नेता के समर्थक उन्हें एक उद्धारक मानते हैं जिसने कमजोर पड़ते देश में दोबारा गर्व एवं पारंपरिक मूल्य बहाल किए। दूसरी तरफ उनके विरोधी उन्हें एक ऐसा नेता मानते हैं जो देश को लोकतंत्र से और दूर ले गया तथा जिसने रूस में दोबारा गौरव की भावना भरने के लिए राष्ट्रवाद का सहारा लिया।
चेचेन्या में विद्रोहियों के दमन से बढ़ी लोकप्रियता
7 अक्टूबर 1952 को लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) के एक साधारण परिवार में जन्मे पुतिन ने रूसी खुफिया सेवा KGB में शामिल होकर अपना बचपन का सपना पूरा किया। बाद में सेंट पीटर्सबर्ग के मेयर अनातोली सोबचाक के अधीन काम करते हुए उनका राजनीति उदय शुरू हुआ। रूस के लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित पहले राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन के अधीन उन्हें क्रेमलिन में काम करने के लिए मॉस्को बुलाया गया। इसके बाद 1998 में उन्हें KGB की उत्तराधिकारी एजेंसी FSB का प्रमुख बनाया गया। स्वास्थ्य एवं शराब के नशे की समस्याओं से जूझ रहे येल्तसिन ने अगस्त 1999 में पुतिन को देश का प्रधानमंत्री बना दिया और चेचेन्या क्षेत्र में विद्रोहियों के दमन के लिए शुरू किए गए दूसरे युद्ध की देखरेख करने के साथ उनकी लोकप्रियता बढ़ गई।
और देश के राष्ट्रपति बन गए पुतिन
1999 में 31 दिसंबर को जब येल्तसिन ने सनसनीखेज तरीके से इस्तीफा दिया तब पुतिन दुनिया के सबसे बड़े देश के नए राष्ट्रपति बन गए। तब से वह राजनीति में और मजबूत होते चले गए। उन्होंने अपने निजी जीवन को हमेशा मीडिया की नजरों से दूर रखने की कोशिश की। 3 दशकों की शादी के बाद 2013 में उन्होंने पत्नी ल्यूडमिला को तलाक दे दिया लेकिन उनके नए प्रेम संबंधों की खबरें लगातार चर्चा में रहीं जिनमें एक पूर्व ओलंपिक जिम्नास्ट से संबंध शामिल हैं, हालांकि इनकी पुष्टि नहीं हुई। संविधान के तहत निर्धारित प्रावधानों के कारण 2008 में दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद पुतिन ने सत्ता की बागडोर अपने वफादार नेता दमित्री मेदवेदेव को सौंप दी और खुद प्रधानमंत्री बन गए। संविधान में संशोधन के बाद वह 2012 में फिर से राष्ट्रपति बने जिसे लेकर देश की सड़कों पर भारी विरोध-प्रदर्शन हुए, लेकिन पुतिन लगातार मजबूत होते रहे।