रोम: इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी को वर्ष 2006 में तत्कालीन मध्य-वामपंथी सरकार को गिराने की कोशिश में एक सीनेटर को रिश्वत देने के मामले में दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, नैप्लस की एक अदालत ने बर्लुस्कोनी को सजा सुनाते हुए उन पर अगले पांच वर्षो के लिए किसी सार्वजनिक पद पर आसीन होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया।
इधर, बर्लुस्कोनी ने अदालत के फैसले को 'बेतुका' और 'न्यायिक उत्पीड़न' करार देते हुए इसे अपनी राजनीतिक छवि खराब करने का प्रयास बताया। अदालत के अनुसार, बर्लुस्कोनी ने पूर्व सीनेटर को अपनी राजनीतिक स्थिति बदलने के लिए करीब 30 लाख यूरो (33 लाख डॉलर) के रिश्वत की पेशकश की। बर्लुस्कोनी के अधिवक्ता निक्कोलो घेदिनी ने अदालत के फैसले को 'अनुचित और असंगत' करार देते हुए इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही। इटली की न्यायिक प्रणाली में अंतिम फैसले से पहले अभियुक्त को तीन स्तरीय सुनवाई का अधिकार प्राप्त है। अभियोजन और बचाव, दोनों पक्ष निचली अदालत के फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालतों में अपील कर सकते हैं।
बर्लुस्कोनी को कॉरपोरेट कर चोरी के मामले में सामुदायिक सेवा की सजा सुनाई गई थी, जो उन्होंने इस साल पूरी की। हालांकि उन्हें एक नाबालिग नर्तकी के साथ यौन संबंध स्थापित करने के आरोप से न्यायाधीशों ने यह कहते हुए बरी कर दिया कि उन्हें इसका पता नहीं था कि लड़की नाबालिग है। बर्लुस्कोनी वर्ष 1994-1995, 2001-2006 और 2008-2011 के बीच तीन बार इटली के प्रधानमंत्री रहे। इतालवी फुटबॉल क्लब ए.सी. मिलान का मालिकाना हक भी उनके पास है।
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