इटली : नग्न मूर्तियों को ढ़कने का मामला, सोशल मीडिया पर बहस का विषय बना
नई दिल्ली: पिछले दिनों रोम में जिस तरह से नग्न मूर्तियों को ढॅका गया है वह चर्चा का विषय बन गया है। इस पूरे मामले पर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भी लोग
नई दिल्ली: पिछले दिनों रोम में जिस तरह से नग्न मूर्तियों को ढॅका गया है वह चर्चा का विषय बन गया है। इस पूरे मामले पर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर भी लोग जमकर इसके विरोध और समर्थन में अपना पक्ष रख रहे हैं। दरअसल ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी की इटली के प्रधानमंत्री से रोम के मशहूर कपिटलाइन में म्यूजियम में मुलाकात हुई। म्यूजियम में स्थित नग्न मूर्तियों को ईरानी राष्ट्रपति की नजरों से बचाने के लिए ढ़क दिया गया। एक तरफ ईरान में लोग इसे इस्लाम की रक्षा से जोड़ रहे हैं वहीं इटली में नागरिक इसे शर्मनाक कदम बता रहे हैं,पूरी घटना के एक सप्ताह बाद भी सोशल मीडिया पर बहस जारी है आखिर इटली ने जो कदम उठाया है वह कितना सही है?
आखिर किन कारणों से मूर्तियों को ढका गया ?
इन मूर्तियों को इसलिए ढ़ँका गया क्योंकि ईरान इस्लाम को मानने वाला देश है और ईरानी राष्ट्रपति को यह सब देखना अच्छा नहीं लगेगा यह सोचते हुए इन मूर्तियों को ढँका गया था। इसके साथ ही ईरानी राष्ट्रपति को खाने के दौरान वाइन भी नहीं परोसी गई। इस घटना पर ईरान में लोग जमकर व्यंग्य कस रहे हैं।
और ईरान के लोगों ने इटली को दिया धन्यवाद
लेकिन ईरान के कईं लोगों ने फेसबुक के माध्यम से इटली का यह कहकर धन्यवाद किया है कि इटली ने नग्न मूर्तियों को ढँककर इस्लाम को बचाया है। एक व्यक्ति ने ट्विटर पर लिखा है कि, "ईरान के साथ बड़े व्यापारिक सौदों की ख़ातिर इटली के लोग इन मूर्तियों को तोड़ भी देते, तो अचरज न होता." ईरानी राष्ट्रपति की यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच 18.4 अरब डॉलर के समझौतें हुए हैं। ईरानी एक आदमी ने ट्वीट करके कहा कि, "मूर्तियों को ढँकना कतई मज़ाकिया नहीं था। यह दर्दनाक घटना थी. मुझे पता नहीं ऐसा करने से इटली की बेइज़्जती हुई या हमारे देश की लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण था।" ईरानी अधिकारियों का कहना है कि मूर्तियां ढँकने का फैसला इटली का था ईरान ने इसके लिए कोई निवेदन नहीं किया था।
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