पेरिस: फ्रांस में अधिकारियों ने उन 76 मस्जिदों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है जिन पर उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथ, अलगाववाद और चरमपंथ को बढ़ावा देने का संदेह है। गृह मंत्री जेराल्ड डर्मेनिन ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि यदि इन मस्जिदों को आतंकवाद या अलगाववाद को बढ़ावा देते हुए पाया गया तो उन्हें बंद किया जा सकता है। इसके अलावा 66 ऐसे प्रवासियों को डिपोर्ट भी किया गया है, जिनके ऊपर शक था कि वे कट्टरपंथ का रास्ता अख्तियार कर चुके हैं। यह कदम फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा अक्टूबर में 6 महीने के लिए पेरिस के एक प्रसिद्ध मस्जिद को बंद करने के बाद आया है।
फ्रांस में हाल में हुए कई आतंकी हमले
बता दें कि हाल ही में फ्रांस में कई आतंकी हमले हुए हैं, जिसके मद्देनजर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इन घटनाओं में एक चेचन शरणार्थी द्वारा एक शिक्षक सैमुएल पैटी की सिर कलम करके उसकी हत्या कर देना भी शामिल है। इस मस्जिद, जिसमें लगभग 1500 उपासक थे, ने पैटी के बारे में एक फेसबुक वीडियो पोस्ट किया था। पैटी ने अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर कक्षा में चर्चा के दौरान पैगंबर मुहम्मद के 2 कार्टून दिखाए थे। इसे लेकर मस्जिद ने उनकी आलोचना की थी। पैटी की हत्या के बाद, राष्ट्रपति इमैनुएल मैकों ने कहा कि फ्रांस इस्लामिक कट्टरवाद के खिलाफ अस्तित्ववाद की लड़ाई में लगा हुआ है।
नीस में चाकू मारकर हुई थी 3 की हत्या पैटी की हत्या के 2 हफ्ते बाद, फ्रांस के नीस शहर में एक गिरजाघर के अंदर चाकू से हमला करके तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी। डर्मेनिन ने कहा, ‘आगामी दिनों में, अलगाववाद को बढ़ावा देने के संदेहास्पद
धार्मिक स्थलों का निरीक्षण किया जाएगा। जो ऐसा कर रहें होंगे उन्हें बंद कर दिया जाएगा।’ 2015 के शार्ली हेब्दो हत्याकांड के बाद से फ्रांस में नवीनतम इस्लामिक आतंकवादी हमलों के कारण मैक्रों लगातार दबाव में हैं। 2015 से इस्लामिक हिंसा के कारण 240 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। हमलों को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है।
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