लंदन: सविता हलप्पनवार के पिता ने गर्भपात पर रोक की व्यवस्था को पलटने के लिए आयरलैंड के जनमत संग्रह का स्वागत करते हुए कहा है कि ‘हमें बेटी के लिए इंसाफ’ मिल गया है। आयरलैंड में गर्भपात के लिए अनुमति नहीं मिलने पर 2012 में दंत चिकित्सक सविता हलप्पनवार की मौत हो गई थी। सविता की मौत के बाद संविधान के आठवें संशोधन को पलटने के लिए माहौल बनने लगा और नए कानून से इस रूढ़िवादी कैथोलिक देश में गर्भपात की अनुमति मिल सकेगी। गर्भपात पर रोक को पलटने के लिए जनमत संग्रह के नतीजे पर सविता के पिता अंदानेप्पा यालागी ने कहा कि वह बहुत खुश हैं।
अपनी बेटी की यादों से गमगीन यालागी ने कहा, ‘ हमें सविता के लिए इंसाफ मिला है और उसके साथ जो हुआ वह अब किसी परिवार के साथ नहीं होगा। इस ऐतिहासिक घड़ी में आयरलैंड के लोगों के प्रति आभार जताने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।’ उन्होंने कहा कि सविता की मौत ने परिवार को हिला दिया। यालागी ने कहा, ‘5 साल बाद भी यह हमारे लिए बेहद भावुक पल है। हर दिन मैं इस बारे में सोचता था।’ आपको बता दें कि भारतीय डेंटिस्ट सविता हलप्पनवार की 2012 में गर्भपात की इजाजत नहीं मिलने पर आयरलैंड के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल गालवे में मौत हो गई थी। बार-बार अबॉर्शन की मांग के बावजूद उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी।
आयरलैंड में अबॉर्शन (गर्भपात) के खिलाफ दुनिया भर में सबसे सख्त कानून था लेकिन आयरलैंड में गर्भपात पर प्रतिबंध हटाने के लिए हुए जनमत संग्रह में 66.4% लोगों ने इसका समर्थन किया। सेप्टिक मिसकैरेज (गर्भावस्था के दौरान संक्रमण) की वजह से सविता की मौत हो गई थी। उनकी मौत ने आयरलैंड में गर्भपात पर नई चर्चा छिड़ गई।
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