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भारत कभी असहिष्णुता बर्दाश्त नहीं करेगा: मोदी

लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि भारत कभी भी असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है। मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ

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लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां कहा कि भारत कभी भी असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है। मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने असहिष्णुता भड़काने वालों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

भारत में सांप्रदायिक तनाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने संवाददाताओं से कहा, "भारतीय अधिकारी इस तरह की (हिंसक) घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।"

उन्होंने भारत को भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश बताते हुए कहा, " भारत असहिष्णुता को बर्दाश्त नहीं करेगा।"

मोदी ने कहा, "हम एक लोकतंत्र हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के प्रति संकल्पबद्ध हैं। हम एक असहिष्णु समाज नहीं हैं।"

मोदी ने कहा कि देश में घटने वाली हर घटना गंभीर है। सरकार इस तरह के मामलों में कठोरता से कार्रवाई करती है।

इससे पहले सलमान रश्दी सहित 200 से अधिक लेखकों ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन से कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली अपनी बातचीत के दौरान भारत में बढ़ते भय के वातावरण और बढ़ती असहिष्णुता का मुद्दा उठाएं। यह पीईएन इंटरनेशनल की ओर से एक महीने से कम समय में दूसरा ऐसा पत्र है।

कैमरन को लिखे पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में बुकर पुरस्कार से सम्मानित रश्दी, हाल में बुकर पुरस्कार के लिए चुने गए भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक नील मुखर्जी, इयान मैकइवान और हरी कुंजरू जैसे नाम शामिल हैं।

कैमरन को लिखे गए इस पत्र में यह सुनिश्चित करने की मांग की गई है कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा हो।

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