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भारत, ब्रिटेन के बीच असैन्य परमाणु समझौता

लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय ब्रिटेन दौरे के पहले दिन दोनों पक्षों द्वारा प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद भारत व ब्रिटेन ने गुरुवार को एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए। वार्ता के

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लंदन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन दिवसीय ब्रिटेन दौरे के पहले दिन दोनों पक्षों द्वारा प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद भारत व ब्रिटेन ने गुरुवार को एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए। वार्ता के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के साथ एक साझा बयान जारी करते हुए मोदी ने कहा, "आज हमने एक असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह हमारे पारस्परिक विश्वास का प्रतीक है।"

उन्होंने कहा, "भारत को वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी का केंद्र बनाने को समझौते के लिए सहयोग वैश्विक परमाणु उद्योग में सुरक्षा को मजबूत करेगा।"

उन्होंने कहा कि वे ब्रिटेन के साथ रक्षा व सुरक्षा सहयोग को बेहद महत्व देते हैं।

भारत के प्रधानमंत्री ने कहा, "यह सहयोग विकसित होगा। मैं इस बात को लेकर भी प्रसन्न हूं कि ब्रिटेन फरवरी 2016 में भारत में होने वाले इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में भागीदारी करेगा। भारत के रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया मिशन सहित रक्षा आधुनिकीकरण योजनाओं में ब्रिटेन सक्रिय भागीदारी होगा।"

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी काफी मजबूत हुई है और हमारी साझेदारी का एक प्रमुख स्तंभ है।

मोदी ने कहा, "मैं विश्वास जताता हूं कि आने वाले वर्षो में यह संबंध और विकसित होगा।"

भारत में ब्रिटेन को तीसरा सबसे बड़ा निवेशक बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने यूरोपीय संघ में कुल मिलाकर जितना निवेश किया गया है, उससे अधिक निवेश ब्रिटेन में किया है।

उन्होंने कहा, "भारत में ब्रिटेन के निवेश को लेकर हम एक नई फास्ट ट्रैक प्रक्रिया की शुरुआत करेंगे।"

मोदी ने कहा कि भारत लंदन के वित्तीय बाजार से फंड की उगाही भी करता रहेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं इस बात को लेकर खुश हूं, लेकिन इस बात को मानता हूं कि यह स्वाभाविक है कि लंदन में हम एक रुपया बॉन्ड की शुरुआत करेंगे। यह वह पड़ाव है, जहां से भारतीय रेलवे के सफर की शुरुआत होती है।"

मोदी ने दोनों देशों के बीच स्वच्छ ऊर्जा व जलवायु परिवर्तन पर सहयोग में प्रगति पर खुशी जताई, जिसमें सरकार व निजी क्षेत्रों की सहभागिता है।

उन्होंने कहा, "यह व्यापक अवसर प्रदान करने वाला क्षेत्र है। हमारा द्विपक्षीय संबंध जलवायु परिवर्तन पर भारत की व्यापक व महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय योजना को गति प्रदान करेगा।"

प्रधानमंत्री के मुताबिक, दोनों देशों के बीच साझेदारी एशिया खासकर दक्षिण एशिया व पश्चिम एशिया में शांति व स्थिरता, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद व अतिवाद को लेकर है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की भागीदारी के लिए ब्रिटेन के जोरदार समर्थन के लिए मोदी ने कैमरन को धन्यवाद दिया।

कैमरन ने कहा कि सबसे पुराना व सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत व ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन व भारत आर्थिक, रक्षा व वैश्विक साझेदारी को मजबूत करेंगे।

स्मार्ट शहरों व कौशल विकास को भारत की महत्वपूर्ण परियोजना बताते हुए उन्होंने कहा कि अमरावती, इंदौर व पुणे को स्मार्ट सिटी बनाने में ब्रिटेन सहयोग करेगा।

मोदी के दौरे के दौरान, दोनों पक्षों द्वारा पारस्परिक निवेश व रक्षा सहयोग पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर करने की संभावना है।

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