लंदन: भारत ने पिछले कई महीनों से जारी अनिश्चितता समाप्त करते हुए दलित आइकन एवं भारत के संविधान निर्माता डा. भीमराव अंबेडकर का आज यहां स्थित वह तीन मंजिला बंगला खरीद लिया जिसमें वह 1920 के दशक में एक छात्र के तौर पर रहे थे। इस मकान को एक अंतरराष्ट्रीय स्मारक में तब्दील कर दिया जाएगा।
फेडरेशन आफ अंबेडकराइट एंड बुद्धिस्ट आर्गेनाइजेशंस यूके की अध्यक्ष संतोष दास ने बताया कि महाराष्ट्र के समाजिक न्याय एवं विशेष सहायता मंत्री राज कुमार बडोले ने पश्चिमोत्तर लंदन में 10, किंग हेनरीज रोड स्थित 2050 वर्ग फुट के इस मकान से संबंधित अनुबंधों का अदान प्रदान किया।
इससे पहले राज्य सरकार ने 31 करोड़ रूपये में इस सम्पत्ति को खरीदने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। इस मकान में नीले रंग की एक पट्टी लगी है जिसमें इस तथ्य का उल्लेख है कि अंबेडकर वहां पर 1921..1922 में तब रहे थे जब वह लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स में अध्ययन कर रहे थे। यद्यपि सौदे की वास्तविक राशि की आज घोषणा नहीं की गई।
दास ने कहा कि इस मकान को एक शैक्षिक एवं सांस्कृति केंद्र के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर ब्रिटेन में भारत की कई पीढि़यों के लोगों के साथ ही और यहां अध्ययन करने के लिए आने वाले और अंबेडकर में रूचि रखने वाले या सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और समान व्यवहार मुद्दों को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका से प्रेरित लोग आ सकेंगे।
उन्होंने कहा, आगंतुकों के लिए खोले जाने से पहले इस मकान में काफी काम किया जाना है।
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