हाल ही में रूस की सरकार ने एक नया फरमान जारी किया है जिसके मुताबिक 16 साल से कम उम्र की लड़कियों का वर्जिनिटी टेस्ट करने के आदेश दिए गए है। रूस की इनवेस्टिगेटिव कमिटी ने सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स से कहा है कि वह 16 साल से कम उम्रकी लड़कियों की यौन गतिविधियों को लेकर प्रमाण इकट्ठे करें। इसको लेकर लोगों ने सरकार और एजेंसी की आलोचना करना शुरू कर दी है। (सऊदी प्रिंस 6 घंटे में हारे 23 अरब रुपए और अपनी 5 पत्नियां)
सरकार के आदेश में कहा गया है कि डॉक्टरों से लेकर राजनेता भी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे घबराकर अब किशोरियां जरूरत के समय भी डॉक्टर से संपर्क नहीं करेंगी। हालांकि रूस के स्वास्थ्य मंत्री ने साफ कर दिया है कि डॉक्टर्स को इस आदेश का पालन करना होगा और उन्हें पुलिस को 16 साल की सभी लड़कियों के वर्जिनिटी जाने, प्रेग्नेंसी, अबॉर्शन सहित अन्य जानकारी देनी होगी।
इस ऑर्डर के अनुसार डॉक्टर्स को लड़कियों के हाइमन की जांच करनी होगी। इसके लिए रूस की इनवेस्टिगेटिव कमिटी ने सभी मेडिकल प्रोफेशनल्स को कहा है कि वे 16 साल से कम उम्र की लड़कियों की यौन गतिविधियों को लेकर प्रमाण इकट्ठे करें। फैसले के विरोध में कुछ विश्लेषकों का कहना है कि ऐसा करने के बाद लड़कियां क्लिनिक जाने से बचेंगी और सेक्शुअलिटी ट्रांसमिटेड बीमारियों को भी छिपाने लगेंगी।
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