लंदन: ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक सर्जन ने 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल करते हुए 53 वर्षीय कैंसर मरीज के जबड़े को फिर से बनाने में कामयाबी हासिल की है। वेस्ट मिडलैंड्स की रॉयल स्टोक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के दया गहीर चेहरा, सिर और गर्दन की सर्जरी के माहिर हैं और हर साल करीब 40 मरीजों की सर्जरी कर उनके अंगों को नया रूप देते हैं।
पिछले साल उनके अस्पताल ने एक सॉफ्टवेयर हासिल किया ताकि खराब हो चुके कुछ अंगों को फिर से पुराने आकार में लाने के काम को अधिक प्रभावी और आसान बनाने के लिए 150,000 पाउंड के 3डी प्रिंटर का इस्तेमाल हो सके। गहीर ने स्टोक सेंटिलन अखबार से कहा, हम साल में सिर और गर्दन के संबंधित करीब 40 सर्जरी करते हैं। 10 से 15 मामलों में इस तरह के प्रिंटर का इस्तेमाल किया जाता है।
हाल ही में उन्होंने स्टीफन वाटरहाउस नामक एक मरीज की सर्जरी की। इस सर्जरी में 12 घंटे का समय लगा। कैंसर से पीडि़त रहे वाटरहाउस की रेडियोथैरेपी के बाद उनका जबड़ा टूट गया था। उनको गले का कैंसर था। अब डॉक्टर गहीर ने उनके पैर से हड्डी के अंश को लेकर जबड़े को फिर से पुराने आकार में लाने का काम सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
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