नई दिल्ली: इतालवी अदालत ने महिलाओं के विरोध में एक फरमान जारी किया है। अदालत के अनुसार किसी भी महिला सहकर्मी को छूना यौन हिंसा नहीं कहलाई जाएगी। यह फैसला अदालत ने तब दिया जब ऑफिस में साथ काम करने वाले एक 65 वर्षीय आदमी ने अपनी महिला सहकर्मी को छेड़ा था। अदालत का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को मजाक के तौर पर छेड़ता है तो यह यौन उत्पीड़न नहीं कहलाया जाएगा। ना ही इसपर किसी व्यक्ति को सजा होगी।
इस नियम का इटली की महिलाओं ने विरोध किया है। यहां पर 16 से 70 के बीच हर एक महिला का कभी ना कभी शारीरिक एंव यौन उत्पीड़न किया गया है। महिला ने अपने पुरूष सहकर्मी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, वहीं दूसरी महिला का यह कहना था कि वह उसके साथ छोटे बच्चे की तरह व्यवहार कर रहा था। कोर्ट के डॉक्यूमेंट के अनुसार महिला का कहना है कि वह उसे पीछे से सहला रहा था।
बाद में कोर्ट ने महिला की बातों पर भरोसा किया लेकिन फिर भी व्यक्ति पर केस करने के बजाय उसे छोड़ दिया गया। कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति ने महिला को मजाक में छेड़ा था ना की संबंध बनाने की इच्छा से। कोर्ट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति यौन सुख के लिे महिला सहकर्मी को छूता है तो उसे सजा दी जाएगी। लोगों ने कोर्ट के इस नियम पर विरोध जताया है।
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