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कनाडा की ग्रीन पार्टी ने यूरेनियम समझौते पर चिता जताई

ओटावा: कनाडा की ग्रीन पार्टी ने भारत के साथ कनाडा के यूरेनियम समझौते पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के बीच बुधवार को हुए यूरेनियम

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ओटावा: कनाडा की ग्रीन पार्टी ने भारत के साथ कनाडा के यूरेनियम समझौते पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के बीच बुधवार को हुए यूरेनियम समझौते के तहत आगामी पांच वर्षो के दौरान भारत कनाडा से 3,000 टन यूरेनियम का आयात करेगा।

समाचार एजेंसी 'सिन्हुआ' के मुताबिक, कनाडा की ग्रीन पार्टी की नेता एलिजाबेथ मे ने गुरुवार को कहा, "कनाडा का भारत के साथ परमाणु संसाधनों का व्यापार परमाणु अप्रसार संधि (एनएनपीटी) का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।"

ग्रीन पार्टी के घरेलू मामलों की आलोचक लॉरेन रेकमंस ने कहा, "कनाडा के नागरिक शांति और लोकतंत्र का समर्थन करते हैं। यदि भारत यूरेनियम का इस्तेमाल हथियार बनाने में करता है तो उसे यूरेनियम बेचने से एनएनपीटी का उल्लंघन हो सकता है। इससे वैश्विक असुरक्षा की समस्या पैदा करने में हम भी भागीदारी बन सकते हैं।"

रेकमंस ने विदेशों में शांति और सुरक्षा का प्रचार करने के लिए कनाडा से आह्वान किया और कहा, "29 अप्रैल को एनएनपीटी की आगामी समीक्षा के तहत हमें एक बेहतर एनएनपीटी में सभी हितधारक देशों को एक साथ लाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ काम करना चाहिए।"

एनएनपीटी के 1970 में अस्तित्व में आने के बाद भारत ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया था। भारत ने 1974 में अपना पहला प्रायोगिक परमाणु हथियार बनाने के लिए सीएएनडीयू अनुसंधान रिएक्टर का इस्तेमाल किया था और उसके बाद कनाडा ने भारत को सभी तरह की परमाणु सामग्री निर्यात करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

भारत पर लगे इस निर्यात प्रतिबंध को 2013 में कनाडा-भारत परमाणु सहयोग समझौते के बाद हटा दिया गया था।

2013 के समझौते के तहत कनाडा की कंपनियां भारत को परमाणु संसाधनों, उपकरणों और प्रौद्योगिकी का निर्यात कर सकती थीं।

 

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