बर्लिन: कोरोना वायरस मरीजों की मौत के मामलों में वृद्धि के कारण जर्मनी में एक बार फिर सख्त लॉकडाउन लगाया गया है। यह लॉकडाउन 16 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच होगा। इस दौरान जरूरी सामान के अलावा अन्य सभी दुकानें और मॉल बंद रहेंगे। कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए दुकानों और स्कूलों को भी बंद किया गया है। देश के रोग नियंत्रण केंद्र 'रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट' के मुताबिक, जर्मनी में पिछले सात दिन में प्रति एक लाख निवासियों पर कोविड-19 के 179.8 मरीजों की मौत हुई जोकि पिछले सप्ताह से काफी अधिक है।
इसके मुताबिक, इससे पिछले सप्ताह प्रति एक लाख निवासियों पर 149 मौतें हुई थीं। जर्मनी के 16 राज्यों में एक दिन में होने वाली मौतों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई जोकि 952 रही। यह पिछले शुक्रवार को हुई 598 से काफी अधिक रही। जर्मनी में अब तक इस घातक वायरस के कारण 23,427 लोगों की मौत हो चुकी है।
अक्टूबर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर नवंबर की शुरुआत में जर्मनी में हल्का लॉकडाउन लगाया था, जिसके तहत बार और रेस्त्रां बंद रखे गए थे लेकिन दुकानों को खोलने की अनुमति थी। अब नए मामलों और मरीजों की मौत की संख्या में वृद्धि के चलते लॉकडाउन के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं।
क्रिसमस से पहले दुकानें और स्कूल बंद किए जाने के साथ ही निजी कार्यक्रम में एकत्र होने वाले लोगों की अधिकतम संख्या पांच तय की जा रही है। उधर, अर्थशास्त्रियों ने कहा कि जर्मनी के एक और सख्त लॉकडाउन के फैसले से यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में एक और मंदी का खतरा बढ़ गया है।
चांसलर एंजेला मर्केल के एक शीर्ष सहयोगी ने सोमवार को कहा कि जर्मनी में अगले साल की शुरुआत में लॉकडाउन को खत्म होने की संभावना नहीं है। यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी को सर्दियों के महीनों में कई प्रकार के प्रतिबंधों से जूझना होगा।
उन्होंने कहा कि सांस संबंधी संक्रमण के मामले में जनवरी और फरवरी हमेशा मुश्किल महीने होते हैं। सख्त नियमों के तहत 16 दिसंबर से केवल आवश्यक दुकानें जैसे कि सुपरमार्केट, फार्मेसियों और बैंक खुले रहेंगे। सैलून, ब्यूटी पॉर्लर और टैटू पार्लरों को भी बंद करना होगा।
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