जर्मनी में रविवार को हुए आम चुनावों में चांसलर एंजेला मर्केल को बड़ी जीत हासिल हुई है। एंजेला मर्केल को चैथी बार देश की कमान संभालने का मौका मिला है। एंजेला ने इस बात को स्वीकारी की 40% वोट के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका। इस चुनाव में दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी ने सबसे बड़ा उलटफेर किया। दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी, एंटी-इस्लाम अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) पार्टी पहली बार संसद में सीटें हासिल कर सकती है। पार्टी के पास अब तक क्षेत्रीय प्रशासन में ही सीटें रही हैं, लेकिन आव्रजन मुद्दों पर केंद्रित एक अभियान के दौरान उसकी लोकप्रियता बढ़ी है। (म्यांमार सेना का दावा, रोहिंग्या मुस्लिमों ने मारे 28 भारतीय, सामूहिक कब्र मिली)
अन्य महत्वपूर्ण दावेदारों में डाई लिंके (लेफ्ट), ग्रीन्स और फ्री डेमोक्रेट्स शामिल थे। बीबीसी ने बताया कि मतदान केंद्र सुबह आठ बजे खुल गए और शाम छह बजे तक बंद हो गए। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के कुछ समय बाद ही पहला एक्जिट पोल आया।
संघीय चुनाव में 18 साल से ज्यादा उम्र के 6.15 करोड़ लोगों ने वोट डाला। चुनाव हर चार साल पर होता है। मतदान प्रक्रिया में दो अलग-अलग वोट डाले जाते हैं। एक उनके निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार के लिए होता है और एक उनकी पंसदीदा राजनीतिक पार्टी के लिए होता है।
यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण था, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद बुंडेस्टाग में पहली बार छह पार्टियों की दावेदारी के परिणाम देखने को मिले। ये परिणाम मौजूदा गठबंधन सरकार के स्वरूप में बदलाव ला सकते हैं।
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