लंदन: भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्तियां देश-विदेश में तमाम जगहों पर देखने को मिल जाएंगी। गांधी को दुनिया में अहिंसा के सबसे बड़े दूतों में से एक माना जाता है, लेकिन ब्रिटेन में उनकी एक मूर्ति को लेकर काफी विरोध हो रहा है। ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘मैनचेस्टर कैथेड्रल’ के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति लगाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ पाकिस्तानी छात्रों ने एक अभियान शुरू किया है, जबकि स्थानीय अधिकारियों ने गांधी की मूर्ति लगाए जाने को मंजूरी दी है।
शुरू किया ‘गांधी मस्ट फॉल’ अभियान
यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ‘गांधी मस्ट फॉल’ अभियान शुरू किया है। यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने मैनचेस्टर नगर परिषद को एक खुले पत्र में शहर के बीचोंबीच महात्मा गांधी की 9 फुट ऊंची कांसे की मूर्ति लगाए जाने के निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा है। छात्रों का आरोप है कि अफ्रीका में ब्रिटिश शासन की कार्रवाईयों में गांधी की सहभागिता थी। पत्र में कहा गया है कि गांधी ने अफ्रीकियों को, ‘असभ्य’, ‘आधे-अधूरे मूल निवासी’, ‘जंगली’, ‘गंदे’ और ‘पशु जैसे’ के रूप में अपनी कुछ टिप्पणियों में संदर्भित किया था।
अभियान के पीछे पाकिस्तानी स्टूडेंट्स ‘गांधी मस्ट फॉल’ अभियान के पीछे पाकिस्तानी छात्रों का भी हाथ माना जा रहा है। यूएस-पाकिस्तानी लिटरेचर की छात्रा सारा खान के नेतृत्व में कई छात्रों ने इस विरोध को अमली जामा पहनाया है। इस गुट ने एक ओपन लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि गांधी ने अफ्रीका में रहने वाले भारतीय लोगों को जुलू समुदाय के लोगों के खिलाफ लड़ने के लिए कहा था। हालांकि, इस गुट को ब्रिटेन में रहने वाले भारतीयों ने भी करारा जवाब दिया है।
अगले महीने लगने वाली है गांधी की मूर्ति रिपोर्ट्स के मुताबिक, गांधी की यह मूर्ति अगले महीने लगने वाली है और इसके शिल्पकार राम वी सुतार हैं। संयोग से यह गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष भी है। छात्र संघ की लिबरेशन एवं एक्सेस अधिकारी सारा खान ने नगर परिषद से अनुमति वापस लेने की मांग की है। वहीं, परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि गांधी की मूर्ति लगाने का मुख्य मकसद शांति, प्यार और भाईचारे के उनके संदेश का प्रसार करना है।
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