राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के खिलाफ पीली जैकेट पहने करीब 10000 प्रदर्शनकारी शनिवार को चैम्प्स-एलीसी में सुबह-सुबह एकत्र हो गए। इसी स्थान पर पिछले शनिवार को हिंसा हुई थी। ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शन के मद्देनजर पेरिस को शनिवार को हाई अलर्ट पर रखा गया। राजधानी में विभिन्न स्थानों पर 975 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। वहीं इस प्रदर्शन में 135 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।
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शहर में दुकानें, म्यूजियम, मेट्रो स्टेशन और एफिल टावर बंद हैं। वहीं, शीर्ष टीमों के फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो रद्द कर दिए गए। फ्रांस की राजधानी में पिछले सप्ताहांत दशकों में सबसे भीषण हिंसा हुई थी, जिससे पूरा देश सहम गया था। बिगड़ते हालात के चलते राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की सरकार संकट का सामना कर रही है। शहर में 8,000 से ज्यादा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों और बख्तरबंद गाड़ियों को तैनात किया गया।
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समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, 'अधिकारियों के एक दस्ते ने चैंप्स-इलीयेस एवेन्यू जाने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे और उनका रास्ता अवरुद्ध कर दिया।' गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने पत्रकारों से कहा कि अबतक 481 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार के विरुद्ध चौथे दौर के प्रदर्शन के मद्देनजर शनिवार को लगभग पांच हजार प्रदर्शनकारी शहर के मध्य जमा हो गए। पेरिस में लगभग 8,000 अधिकारियों और 12 सशस्त्र वाहनों को तैनात किया गया है। वहीं पूरे देश में लगभग 90,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।
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दर्शन की आग अब धीरे-धीरे फ्रांस से निकल कर बेल्जियम और नीदरलैंड तक पहुंच चुकी है। बेल्जियम में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बेल्जियम में लोगों ने प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल को गद्दी छोड़ने की मांग की है।
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