लंदन: ब्रिटेन के पहले जातीय मूल के अल्पसंख्यक न्यायाधीश और घोड़े के बालों वाली विग के स्थान पर पगड़ी पहनकर अंग्रेजी पीठ में बैठने वाले पहले भारतीय मूल के सिख न्यायाधीश का निधन हो गया। मेट्रो डॉट को डॉट यूके की खबर है कि मोटा सिंह पिछले शुक्रवार को बेहोश हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह बच नहीं पाए। वह 86 साल के थे।
उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनकी पत्नी स्वर्ण कौर ने कहा, वह शानदार व्यक्ति थे जिन्होंने अपने जीवन में काफी कुछ हासिल किया। वह बहुत परिश्रमी थे। रामगढि़या सिख सिंह का जन्म केन्या के नेरोबी में 1930 में हुआ था। जब वह महज 16 साल के थे तभी उनके पिता सरदार दलीप सिंह चल बसे। उन्हें अपने परिवार की देखभाल के लिए स्कूल छोड़ना पड़ा। उनके परिवार में उस वक्त उनकी विधवा मां और पांच छोटे भाईबहन थे। उस समय उनकी मां महज 32 साल की थीं।
सिंह के स्कूल के शिक्षक उनकी प्रतिभा के इतने कायल थे कि उन्होंने उनके परिवार केा इस बात के लिए राजी किया कि वह अपना मैट्रिकुलेशन पूरा करें। वह दिन में अपने परिवार की देखभाल करते थे जबकि रात में कानून की पढ़ाई करते थे। वह अपनी पढ़ाई के दूसरे हिस्से को पूरा करने के लिए इंग्लैंड आ गए। वह 1967 में अंग्रेजी बार से जुड़ गए और 1982 में पीठ में नियुक्त हुए। उन्हें 2010 में शीर्ष नागरिक सम्मान नाइटहुड मिला था।
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