लंदन: ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने के मुद्दे पर संसद में आज चर्चा शुरू होगी। सांसद कानून के उस मसौदे की जांच करेंगे ताकि ब्रिटेन सरकार ब्रेक्जिट पर चर्चा शुरू कर सके। इस विधेयक पर सांसद दो दिन तक चर्चा करेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि ब्रसेल्स से बातचीत शुरू करने से पहले संसद की मंजूरी जरूरी है।
यूरोपीयन यूनियन नोटिफिकेशन ऑफ विदड्रॉवल बिल में संसद से कहा गया है कि वह प्रधानमंत्री को लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 को प्रभावी करने का अधिकार दे जिससे कि ब्रसेल्स से अलग होने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। चर्चा से पहले ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने कहा कि जून में हुए जनमत संग्रह को लागू करने के लिए सांसद ब्रेक्जिट विधयेक का समर्थन करें। जनमत संग्रह में 52 फीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ को छोड़ने के पक्ष में मतदान किया था।
डबलिन में हुए संवाददाता सम्मेलन के दौरान सोमवार को प्रधानमंत्री ने कहा कि देखते हैं सांसद लोगों की इच्छा का समर्थन करते हैं या नहीं। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव के पास 650 सीटों वाले निचले सदन में 16 सदस्यों का बहुमत है और पांच संशोधनों के प्रस्ताव के बावजूद विधेयक के पारित होने की संभावना है।
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