कोपेनहेगन. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के यूरोपीय कार्यालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह से प्रभावित कुछ देशों में ‘उम्मीद की किरण’ नजर आने के बावजूद संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यूरोप महाद्वीप में यह एक लाख के आंकड़े की ओर बढ़ रहा है। यूरोप के लिये डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक हांस क्लुग ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम तूफान (महामारी) के केंद्र में बने हुए हैं।’’
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि दुनिया के आधे संक्रमित मामले यूरोप से हैं। क्लुग ने इस बात का जिक्र किया कि उन्होंने स्पेन, इटली, जर्मनी, फ्रांस और स्विटजरलैंड में संक्रमण के मामलों के घटने के सकारात्मक संकेत देखे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, कुछ देशों से मिले सकारात्मक संकेतों पर ब्रिटेन, तुर्की, यूक्रेन, बेलारूस और रूस सहित अन्य देशों में संक्रमण के मामलों के लगातार सामने आने और उनमें वृद्धि होने ने पानी फेर दिया है।’’
कुछ यूरोपीय देशों ने महामारी को फैलने से रोकने के लिये लगाई गई पाबंदियों में से कुछ को हटाना शुरू कर दिया है, जिस पर क्लुग ने देशों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि एक नियंत्रण तंत्र स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि हम सतर्कता में कमी नहीं लाएं।’’ उन्होंने कहा कि पाबंदियां हटाने से पहले देशों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संक्रमण नियंत्रण में हो।
क्लुग ने कहा कि देशों को यह सुनिश्चित करने की भी जरूरत है कि स्वास्थ्य सेवाओं के पास संक्रमित व्यक्ति की पहचान करने, उसे पृथक करने, जांच करने, उसके संपर्क में आये लोगों का पता लगाने और उन्हें पृथक वास में रखने की क्षमता हो। उन्होंने कहा कि कार्यस्थलों को भी एहतियाती उपाय करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि बुधवार को डेनमार्क यूरोप का पहला ऐसा देश हो गया, जिसने स्कूल फिर से खोल दिये हैं, जबकि फिनलैंड ने हेलसिंकी क्षेत्र में यात्रा पाबंदी हटा दी। ऑस्ट्रिया, इटली और स्पेन ने भी कुछ कारोबार को फिर से संचालित होने की अनुमति दी है।
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