पेरिस: सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को हटाने का डोनाल्ड ट्रंप का फैसला इस्राइल के बाद अब फ्रांस को भी रास नहीं आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि उन्हें ट्रंप के सीरिया से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के विवादास्पद फैसले पर बेहद अफसोस है। मैक्रों ने कहा कि एक सहयोगी को जरूर भरोसेमंद होना चाहिए। अमेरिका ने कहा कि इस्लामिक स्टेट की हार हो चुकी है, उसका यह दावा सहयोगियों और अमेरिकी राजनेताओं की नजर में विवादों के घेरे में है।
फ्रांस जो सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन का प्रमुख हिस्सा है, उसने कहा कि उसके सैनिक सीरिया में बने रहेंगे। करीब 2,000 अमेरिकी सैनिकों ने सीरिया के उत्तर-पूर्व को जिहादी समूहों से छुटकारा दिलाने में मदद की है लेकिन कुछ लड़ाके वहां बने हुए हैं। ट्रंप के फैसले के आलोचकों का कहना है कि इससे समूह फिर से पैठ बना सकता है और अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैट्टिस ने इसी मुद्दे को लेकर इस्तीफा दिया है।
चाड में फ्रांसीसी सैनिकों से मुलाकात के दौरान मैक्रों ने कहा, ‘सहयोगी होने का मतलब कंधे से कंधा मिलाकर लड़ना है। यह देश के प्रमुख और सेना के प्रमुख के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है।’ ट्रंप द्वारा बुधवार को अचानक की गई घोषणा और मैट्टिस के इस्तीफे से राष्ट्रपति के रिपब्लिकन समर्थक भी चिंतित हैं। आईएस को पराजित करने के लिए बने वैश्विक गठबंधन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत ब्रेट मैकगर्क ने भी फैसले के विरोध में इस्तीफा दे दिया।
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