म्यूनिख: अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने चीन को विश्व व्यवस्था के लिए एक खतरा बताया। एस्पर ने शनिवार को कहा कि दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश पश्चिमी ज्ञान की चोरी करता है, छोटे पड़ोसियों को डराता है और ‘किसी भी तरह व किसी भी कीमत पर फायदा’ उठाना चाहता है। चीन की अक्सर आलोचना करने वाले एस्पर ने जर्मनी के म्यूनिख में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अमेरिका चीन के साथ संघर्ष नहीं चाहता है।
‘चीन के खतरे को लेकर जाग जाना चाहिए’
एस्पर ने कहा, ‘चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ज्यादा तेजी से और गलत दिशा में बढ़ रही है। ज्यादा आंतरिक दमन, ज्यादा फंसाने वाली आर्थिक व्यवस्था, ज्यादा दंभ और मेरे लिये सबसे चिंतित करने वाली, एक ज्यादा आक्रामक सैन्य मुद्रा।’ एस्पर ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ संघर्ष नहीं चाहता है और अमेरिकी सरकार ने करोना वायरस से लड़ने में चीन की मदद के लिए चिकित्सा सामग्री भी भेजी है। उन्होंने कहा इसके बावजूद चीन ने अपनी दीर्घकालिक मंशा का खुलासा कर दिया है और कहा कि यूरोप और शेष दुनिया को चीन के खतरे को लेकर ‘जाग जाना’ चाहिए।
एस्पर ने कहा- चीन को बदलाव की जरूरत
उन्होंने कहा, ‘कम्युनिस्ट पार्टी और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी समेत उससे संबंधित तंत्र यूरोप समेत अपनी सीमाओं से परे तेजी से काम कर रहे हैं और किसी भी तरह व किसी भी कीमत पर फायदा उठाना चाहता है। जब सुरक्षा लक्ष्यों की बात आती है तो हम जहां अक्सर चीन की पारदर्शिता और स्पष्टवादिता पर संदेह करते हैं, हमें चीनी सरकार के बयानों को मानना चाहिए।’ एस्पर ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि चीन एक समान्य देश की तरह व्यवहार करे।’ उन्होंने कहा कि इसका आशय यह है कि चीनी सरकार को अपनी नीतियों और व्यवहार में बदलाव करने की जरूरत है।
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