दावोस: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर कश्मीर मामले में मदद करने की पेशकश की है। स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से जब ट्रंप की मुलाकात हुई तो उन्होंने एक बार फिर कहा कि वो मध्यस्थता करना चाहते हैं लेकिन पहले भारत तैयार हो। भारत, अमेरिका को पहले ही दो टूक जवाब दे चुका है कि कश्मीर उसका अंदरुनी मामला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि "कश्मीर के हालात पर अमेरिका की नजर है। पाकिस्तान और भारत में जो चल रहा है, हम उसमें मदद करना चाहते हैं और हम मदद करेंगे भी।" बता दें कि कुछ महीने पहले ही कश्मीर पर ट्रंप को बयान देना भारी पड़ गया था। भारत ने जब अमेरिका पर दबाव बनाया था तो व्हाइट हाउस को सफाई देनी पड़ी थी।
व्हाइट हाउस ने अपने बयान में साफ किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच सफल वार्ता तभी संभव है, जब पाकिस्तान अपने आतंकवादियों के खिलाफ निरंतर और सख्त कदम उठाए। उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच में असली जड़ पाकिस्तान की ज़मीन पर पनप रहा आतंकवाद है।
गौरतलब है कि भारत हमेशा से कश्मीर सहित विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता के ही पक्ष में रहा है और किसी तरह की मध्यस्थता को हमेशा से खारिज किया है। भारत जम्मू और कश्मीर को हमेशा से ही अभिन्न अंग मानता है और हमेशा से तीसरे देश की मध्यस्थता से इनकार किया है।
वहीं, इस मुलाकात से अलग विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) सम्मेलन के संबोधन में ट्रंप ने कहा कि "अमेरिका ऐसी आर्थिक तेजी के दौर में पहुंच चुका है, जिसे दुनिया ने पहले कभी नहीं देखा। अमेरिका तरक्की कर रहा है और वह अब हर क्षेत्र में आगे निकल रहा है।“
उन्होंने आगे कहा, “पहले ऐसा नहीं था, हमने चीन के साथ नया व्यापार समझौता किया है, यह काफी महत्वपूर्ण है। उनके सत्ता में आने के बाद अमेरिका में 1.1 करोड़ रोजगार सृजित हुए, उनके कार्यकाल में औसत बेरोजगारी दर इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति के कार्यकाल के मुकाबले सबसे कम रही है।"
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