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Hindi News विदेश यूरोप WHO ने कहा, तेजी से फैल रहा कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट मामलों में जबर्दस्त उछाल लाएगा

WHO ने कहा, तेजी से फैल रहा कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट मामलों में जबर्दस्त उछाल लाएगा

WHO ने आगाह किया है कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के साथ जोड़कर देखी जा रही अधिक संक्रामकता से मामले काफी हद तक बढ़ने की और स्वास्थ्य प्रणालियों पर अधिक दबाव डालने की आशंका है।

Delta variant, WHO Delta variant, Delta variant Strain, Covid-19, Covid-19 Delta Strain- India TV Hindi Image Source : AP REPRESENTATIONAL WHO ने कहा कि टीकाकरण का दायरा अधिक नहीं होने के लिहाज से डेल्टा वेरिएंट के फैलने की आशंका काफी ज्यादा है।

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के साथ जोड़कर देखी जा रही अधिक संक्रामकता से मामले काफी हद तक बढ़ने की और स्वास्थ्य प्रणालियों पर अधिक दबाव डालने की आशंका है। WHO ने कहा कि टीकाकरण का दायरा अधिक नहीं होने के लिहाज से ऐसा होने की आशंका काफी ज्यादा है। वैश्विक संस्था ने मंगलवार को जारी अपने कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान संबंधी अपडेट में कहा कि डेल्टा स्वरूप के कारण कोविड-19 के मामले बढ़ने की जानकारी WHO के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों से सामने आई है।

मंगलवार 13 जुलाई तक कम से कम 111 देशों, क्षेत्रों एवं इलाकों ने डेल्टा स्वरूप के मिलने की पुष्टि की है और इसके बढ़ने की आशंका है जो आने वाले महीनों में वैश्विक स्तर पर हावी स्वरूप बन जाएगा। इसने कहा, ‘डेल्टा स्वरूप के साथ जुड़ी बढ़ी हुई प्रसार क्षमता से मामले काफी हद तक बढ़ने और स्वास्थ्य ढांचों पर अत्यधिक दबाव डालने की आशंका है, खासकर टीका कम लगाए जाने के संदर्भ में।’ दुनिया भर में, अल्फा स्वरूप के 178 देशों, क्षेत्रों या इलाकों में पुष्टि हुई है जबकि बीटा स्वरूप 123 देशों में और गामा स्वरूप 75 देशों में सामने आया है।

अपडेट मे कहा गया कि डेल्टा स्वरूप की संक्रामक क्षमता अब तक पहचाने गए चिंता वाले अन्य स्वरूपों (VOC) की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसमें कहा गया, ‘बढ़ी हुई संक्रामकता का मतलब है कि यह आने वाले महीनों में दुनिया भर में प्रमुख स्वरूप बनने वाला है।’ इसने कहा कि ज्यादा संक्रामक स्वरूपों के सामने आने के साथ ही जन स्वास्थ्य एवं सामाजिक उपायों (PHSM) में राहत एवं उनका अनुचित उपयोग और सामाजिक मेल-जोल में वृद्धि तथा कई देशों में टीकाकरण की कम दर कुछ देशों में मामलों में वृद्धि, अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत तथा मौत का कारण बन रही हैं।

अपडेट में कहा गया, ‘इसके अलावा, दुनिया के बड़े हिस्से में, महामारी विज्ञान निगरानी, परीक्षण और जीनोम सीक्वेंसिंग में अंतराल बना हुआ है, और यह समय पर ढंग से वर्तमान और भविष्य के रूपों के प्रभाव की निगरानी और आकलन करने की हमारी क्षमता को सीमित करता है।’

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