लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना का डेल्टा वेरिएंट करीब-करीब दुनिया के 100 देशों तक फैल चुका है, और आगाह किया कि आने वालों दिनों में यह सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बन जाएगा। इस तरह यह दुनिया का सबसे ज्यादा कोरोना का संक्रामक वेरिएंट होगा। इस बीच ब्रिटेन में इस वेरिएंट से संक्रमण के मामलों में वृद्धि जारी है और शुक्रवार को आए आंकड़ों के मुताबिक गत एक सप्ताह में इससे 50,824 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले के हफ्ते के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमण के मामलों में 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने बताया कि मामलों में वृद्धि के अनुपात में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है जो संकेत देता है कि वैक्सीनेशन अधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट पर भी असरदार है।
वायरस के इस स्वरूप की सबसे पहले पहचान भारत में की गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, गत एक हफ्ते में डेल्टा बी1.617.2 वेरिएंट से संक्रमण के 50,824 मामले आए हैं जबकि 42 मरीज उप-स्वरूप डेल्टा एवाई.1 से संक्रमित हुए हैं जिनमें के417एन बदलाव (म्यूटेशन) देखने को मिला है और आशंका है कि इसमें वैक्सीन के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता होगी।
ब्रिटिश स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी की मुख्य कार्यकारी डॉ. जेनी हैरिस ने कहा, ‘‘पूरे ब्रिटेन में मामले बढ़ रहे हैं और यह अहम है कि हम सतर्क रहें, जरा भी लापरवाही न करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मामले बढ़ रहे हैं लेकिन उस अनुपात में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ रही है। आंकड़े संकेत करते हैं कि अब तक वैक्सीनेशन कार्यक्रम सफल रहा है और यह स्पष्ट रूप से वैक्सीन की दोनों खुराकों को लेने की अहमियत को उजागर करता है।’’
पीएचई साप्ताहिक आधार पर वायरस के वेरिएंट का अनुवांशिकी अनुक्रमण संबंधी आंकड़ा जारी करती है। इसके मुताबिक, इंग्लैंड के केंट काउंटी में सबसे पहले मिले अल्फा वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या भी देश में कम नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, देश में गत सप्ताह अल्फा वेरिएंट से संक्रमण के 823 मामले जबकि दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले पहचान किए गए बीटा वेरिएंट से संक्रमण के 11 मामले आए हैं।
नवीनतम आंकड़े बृहस्पतिवार को ब्रिटेन में सबसे अधिक 27,989 नए मामलों के आने की पृष्ठभूमि में जारी किए गए हैं। इस बीच, ब्रिटिश सरकार द्वारा इस महीने यात्रा सूची की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। इस सूची में भारत को दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के कई देशों के साथ प्रतिबंधित लाल सूची में रखा गया है जिसका अभिप्राय है कि इन देशों से आने वाले लोगों को होटल में अनिवार्य रूप से पृथकवास में रहना होगा।
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