लंदन: भारत में कोरोना वायरस के मामले फिलहाल घट रहे हैं लेकिन ब्रिटेन में डेल्टा का नया वैरिएंट AY.4.2 इस वक्त टेंशन बढ़ा रहा है। कोविड-19 के डेल्टा के इस वेरिएंट में किसी तरह के लक्षण दिखने की संभावना कम होती है। एक नये अध्ययन में बृहस्पतिवार को यह बात कही गयी। इस वेरिएंट की संक्रामक क्षमता अधिक होने को लेकर चिंताओं के बीच इसे परीक्षण के अधीन (वीयूआई) रखा गया है।
लंबे समय तक चलने वाले रीयल-टाइम सामुदायिक संक्रमण मूल्यांकन (रियेक्ट-1) अध्ययन के ताजा परिणाम दिखाते हैं कि डेल्टा AY.4.2 वेरिएंट सितंबर से प्रति दिन 2.8 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इंपीरियल कॉलेज लंदन और इप्सस मोरी का विश्लेषण ब्रिटेन में 19 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच एक लाख से अधिक लोगों द्वारा घरों पर लिए गए नमूनों पर आधारित है।
पता चला कि AY.4.2 से संक्रमित लोगों को स्वाद या सूंघने की क्षमता कम होने या चले जाने, बुखार या लगातार खांसी जैसे लक्षणों की संभावना कम है। इंपीरियल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रियेक्ट कार्यक्रम के निदेशक प्रोफेसर पॉल एलियट ने कहा, ‘‘यह इतना संक्रामक क्यों है, हम नहीं जानते। यह कम लक्षण वाला दिखाई देता है।’’
आंकड़े बताते हैं कि वायरस के इस वेरिएंट से संक्रमित लोगों में से केवल 33 प्रतिशत को लक्षणों की संभावना है जबकि डेल्टा से संक्रमित 46 प्रतिशत लोगों में लक्षण दिखाई देते हैं। कुल मिलाकर अध्ययन में पता चला कि पूरे ब्रिटेन में संक्रमण कम हो रहा है लेकिन यह अब भी बहुत अधिक है तथा इसकी दर इस साल जनवरी की तरह ही है।
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