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ब्रिटेन के पूर्व PM डेविड कैमरन का बड़ा खुलासा, कहा- मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बारे में बताया था

कैमरन ने भारत- ब्रिटेन संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंजरवेटिव पार्टी के 52 वर्षीय पूर्व नेता ने भारत के 2 नेताओं की प्रशंसा की है, और वे हैं मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी।

Manmohan Singh was ready for military action against Pakistan, says David Cameron | AP File- India TV Hindi Manmohan Singh was ready for military action against Pakistan, says David Cameron | AP File

लंदन: ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने गुरुवार को को अपने संस्मरण का विमोचन किया है। इस संस्मरण में उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘संत पुरुष’ बताया है। कैमरन ने कहा है कि मनमोहन जैसे 'संत पुरुष' ने भी उनसे कहा था कि अगर मुंबई की तरह दूसरा आतंकवादी हमला हुआ तो पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी। कैमरन ने ‘फॉर द रिकॉर्ड’ में अपने 52 वर्ष के निजी एवं व्यावसायिक जीवन के घटनाक्रम को लिपिबद्ध किया है और इसमें 2010 से 2016 के बीच का विशेष तौर पर जिक्र है जब वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे।

'भारत के खतरों के प्रति मनमोहन का था कड़ा रुख'
आपको बता दें कि इस दौरान उनके सिंह के साथ ही मोदी के साथ भी अच्छे रिश्ते रहे। कैमरन ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मेरे रिश्ते अच्छे रहे। वह संत पुरुष हैं लेकिन भारत के खतरों के प्रति वह कड़ा रुख भी रखते थे। भारत के एक यात्रा के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले की तरह कोई दूसरा आतंकवादी हमला होता है तो भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी।’ कैमरन का यह बयान चौंकाने वाला है क्योंकि आम जनमानस में मनमोहन सिंह की छवि एक ऐसे नेता की रही है जो युद्ध की बजाय बातचीत से रास्ता निकालने को अहमियत देते हैं।

मोदी और मनमोहन का किया जिक्र
कैमरन ने आगे कहा, ‘भारत के संदर्भ में मैंने कहा था कि हमें आधुनिक सहभागिता की जरूरत है न कि औपनिवेशिक अपराध की भावना के साथ। यह सहभागिता दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ हो। ब्रिटेन के कई सफल व्यवसायी और सांस्कृतिक हस्तियां भारतीय मूल के रहे हैं और इस प्रयास में वे काफी सहायक साबित हो सकते हैं।’ अपने संस्मरण में भारत- ब्रिटेन संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंजरवेटिव पार्टी के 52 वर्षीय पूर्व नेता ने भारत के 2 नेताओं की प्रशंसा की है, और वे हैं मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी।

मोदी से गले मिलने की घटना आई याद
उन्होंने नवंबर में वेम्बले स्टेडियम में संबोधन के दौरान स्टेज पर मोदी से गले मिलने की घटना को याद किया। उन्होंने कहा, ‘कई क्षण रहे जिसमें वेम्बले स्टेडियम में भारतीय मूल के लोगों की सबसे बड़ी भीड़ का इकट्ठा होना भी शामिल है। मोदी के संबोधन से पहले मैंने 60 हजार की भीड़ से कहा कि मुझे लगता है कि किसी दिन भारतीय मूल का ब्रिटिश व्यक्ति दस डाउनिंग स्ट्रीट में प्रधानमंत्री के तौर पर आएगा। लोगों की भीड़ ने चिल्लाकर इसे मंजूरी दी जो अद्भुत था। और जैसे ही स्टेज पर मोदी और मैंने एक-दूसरे को गले लगाया, मुझे उम्मीद जगी कि यह ब्रिटेन द्वारा दुनिया को खुले हृदय से स्वागत करने का संकेत देगा।’

दिल्ली में टुक-टुक की यात्रा का भी जिक्र
कैमरन ने दिल्ली में टुक-टुक से यात्रा करने और मुंबई की झुग्गी-झोपड़ियों घूमने का भी जिक्र किया। उन्होंने अमृतसर में ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिर के दौरे का भी ब्यौरा दिया है जिस दौरान 2013 में उन्होंने ब्रिटेन के ‘सबसे बड़े’ व्यवसाय मिशन का नेतृत्व किया और ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने जालियांवाला बाग नरसंहार पर दुख जताया था। कैमरन ने लिखा है, ‘काफी समय से ब्रिटिश भारतीय समुदाय के मित्र प्रोत्साहित कर रहे थे कि मैं अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाऊं। सिखों के पवित्र स्थल पर औपनिवेशिक काल में ब्रिटेन के सैनिकों ने एक शांतिपूर्ण बैठक पर गोलीबारी की थी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।’

फिलहाल राजनीति से दूर हैं कैमरन
कैमरन ने कहा, ‘कोई भी वर्तमान PM अभी तक अमृतसर नहीं पहुंचा था और जो हुआ उस पर दुख व्यक्त नहीं किया था। मैं दोनों चीजें बदलना चाहता था।’ उन्होंने लिखा है, ‘मेरे दौरे से पहले इस बात को लेकर विवाद था कि मुझे ‘खेद जताना’ चाहिए अथवा नहीं। लेकिन मुझे महसूस हुआ कि शहीद स्मारक की संवेदना पुस्तिका में जिसे मैंने ‘ब्रिटेन के इतिहास में काफी शर्मनाक’ घटना बताया, वह सही था। मुझे पता है कि ब्रिटेन के सिखों के लिए यह काफी मायने रखता है कि उनके PM ने यह सौहार्द दिखाया और ऐसा कर मैं खुश हूं।’ एक जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए हुए मतदान के बाद कैमरन ने जून 2016 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से राजनीति से अलग हैं। (भाषा)

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