लंदन। कोविड-19 रोगियों को दिल का दौरा पड़ने पर मौत होने का अधिक खतरा है। शुक्रवार को प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि इस मामले में महिलाएं विशेष रूप से अधिक संवेदनशील हैं। स्वीडन में किये गए अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 की चपेट में आईं महिलाओं की दिल का दौरा पड़ने से मौत होने की आशंका पुरुषों के मुकाबले नौ गुणा अधिक है।
'यूरोपियन हार्ट' पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि इसमें 1,946 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें बीते साल एक जनवरी से 20 जुलाई के बीच अस्पताल के बाहर किसी दूसरे स्थान पर दिल का दौरा पड़ा जबकि 1,080 ऐसे लोग शामिल किये गए जिनके साथ अस्पताल में ऐसा हुआ।
स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार महामारी के दौरान किये गए अध्ययन में अस्पताल में दिल के दौरे का शिकार हुए 10 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस से संक्रमित थे जबकि अस्पताल से बाहर ऐसे रोगियों की संख्या 16 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में दिल के दौरे का शिकार हुए लोंगों के तीस दिन के अंदर जान गंवाने का खतरा 3.4 गुणा बढ़ गया था जबकि जिन लोगों के साथ अस्पताल से बाहर ऐसा हुआ उनके समान अवधि में मरने का खतरा 2.3 गुणा अधिक था।
गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय में चिकित्सा के छात्र तथा अध्ययन के प्रथम लेखक पेड्रम सुल्तानियन ने कहा, ''हमारे अध्ययन से साफ पता चलता है कि दिल का दौरा पड़ना और कोरोना वायरस से संक्रमित होना एक घातक संयोजन है।''
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