जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को विभिन्न देशों से अनुरोध किया कि जंगलों से पकड़े गए जीव-जंतुओं की खाद्य बाजारों में बिक्री पर आपातकालीन उपाय के तहत रोक लगा दी जाए क्योंकि ऐसे जंतु कोरोना वायरस जैसी महामारी के प्रमुख स्रोत हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि जंतु, विशेष रूप से वन्य जीव-जंतु मानव में होने वाले सभी संक्रामक रोगों में 70 प्रतिशत से अधिक रोगों के स्रोत हैं।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति एक साल से भी अधिक समय पहले हुई थी। इस वायरस की उत्पत्ति को लेकर तरह तरह की अटकलें लगायी गयीं। लेकिन, अधिकतर विशेषज्ञों का यही मानना है कि यह चमगादड़ से किसी अन्य प्रजाति के माध्यम से चीन के पारंपरिक बाजारों में भोजन या दवा के रूप में मानव में फैला होगा। कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सबसे पहले चीन के वुहान शहर में ही सामने आया था।
डब्ल्यूएचओ ने उभरते संक्रामक रोगों के उन लोगों तक सीधे पहुंचने के खतरों का जिक्र किया है, जो किसी संक्रमित जंतु के संपर्क में आते हैं। इसके अलावा जिन स्थानों पर ऐसे जंतु रखे जाते हैं, वहां अतिरिक्त खतरा होता है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, "पारंपरिक बाजार वैश्विक स्तर पर एक बड़ी आबादी के लिए भोजन और आजीविका मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन जंतुओं की बिक्री पर रोक लगाने से आम लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सकती है, उन लोगों की भी जो वहां काम करते हैं और जो वहां खरीदारी करते हैं।"
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