लंदन: गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम करने वाली एक अग्रणी संस्था ऑक्सफैम ने बृहस्पतिवार को चेताया कि विकासशील देशों की मदद के लिए अगर धनी देश त्वरित कदम नहीं उठाऐंगे तो कोरोना वायरस के कारण करीब 50 करोड़ लोग गरीबी के भंवर में फंस जाएंगे। ऑक्सफैम ने विकासशील देशों की मदद के लिए अमीर देशों से अपने प्रयासों में तेजी लाने का अनुरोध किया है। ऐसा नहीं होने पर गरीबी खत्म करने का अभियान एक दशक पीछे चला जाएगा और अफ्रीका तथा पश्चिम एशिया सहित कुछ इलाके 30 साल तक पीछे जा सकते हैं।
ऑक्सफैम इंटरनेशनल के अंतरिम कार्यकारी निदेशक जोस मारिया वेरा ने कहा, ‘‘महामारी के कारण तबाह होती अर्थव्यवस्था की आहट दुनियाभर में महसूस की जा रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन गरीब देशों में गरीब लोग, जो पहले ही भुखमरी का सामना कर रहे हैं, इस भंवर में जाने से खुद को बचा नहीं पाऐंगे।’’ किंग कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन पर आधारित रिपोर्ट में चेताया गया है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकारों द्वारा अर्थव्यवस्था के समूचे क्षेत्र को बंद करने से वैश्विक आबादी का छह से आठ प्रतिशत हिस्सा गरीबी के भंवर में फंस जाएगा।
रिपोर्ट में उदाहरण देते हुए कहा गया है कि पश्चिम के कई देशों में लॉकडाउन होने के कारण ऑर्डर रद्द होने या स्थगित होने से बांग्लादेश में वस्त्र निर्माण में लगे 10 लाख कामगारों की छुट्टी हो चुकी है या बिना वेतन के उन्हें घर भेज दिया गया है। ऑक्सफैम ने वैश्विक नेताओं से गरीब देशों और गरीब समुदायों को उबारने के लिए आर्थिक पैकेज लाने पर सहमति बनाने का आह्वान किया है । विभिन्न उपायों के अलावा ऑक्सफैम ने 2020 में विकासशील देशों द्वारा एक खबर डॉलर कर्ज भुगतान को भी रद्द करने की अपील की है।
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