नयी दिल्ली: मौत एक ऐसा रहस्य है जिससे इंसान सदियों से जूझ रहा है। विज्ञान भी दशकों से इस गुत्थी को सुलझाने में लगा हुआ है और जिस रफ्तार से विज्ञान तरक्की कर रहा है उसे देखकर तो लगने लगा है कि जल्द ही हम मौत पर भी जीत हासिल कर लेंगे। पिछले कई सालों से दुनियाभर के वैज्ञानिक मौत पर जीत हासिल करने में जुटे हुए हैं।
अमेरिका और रूस के वैज्ञानिक इस कोशिश में लगे हुए थे कि कैसे डीप फ्रीज़ के ज़रिए मृत शरीर में जान फिर से फूंकी जा सकती है। वैज्ञानिकों का उत्साह तब और बढ़ गाया अमेरिका के रहने वाले एक व्यक्ति को 12 घंटे मौत के मुंह में रहने के बाद बचा लिया गया। ये आदमी 12 घंटों तक बर्फ में ढ़का रहा। उसकी धड़कन रुक गई थी, सांसें बंद हो गई थीं लेकिन एक साल तक कोमा में रहने के बाद इसे दोबारा ज़िंदगी मिल गई।
जिस तकनीक से इंसान के शरीर में दोबारा जान फूंकने की कोशिश हो रही है उसका नाम है क्रायोनिक्स प्रीजरवेशन। इस तकनीक पर पिछले 30 सालों से काम किया जा रहा है। अमेरिका और रूस की कई कंपनियां मृत शरीर को माइनस 196 डिग्री तापमान में रख कर रिसर्च में लगी हुई हैं। वैज्ञानिकों ने इस फॉर्मूले को एक कीड़े पर प्रयोग किया है, जिसे 30 साल बाद ज़िंदा किया गया। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की इस कोशिश से लगने लगा है कि पुनर्जन्म पर जीत हासिल की जा सकती है।
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