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इस्लामी स्टेट में शामिल हुआ ब्रिटेन का नाबालिक

लंदन: ईरान और ईराक जैसे देशों को अपने कब्जे में लेने के बाद चरमपंथी संगठन इस्लामी स्टेट ने अपनी भर्ती प्रक्रिया को और भी तेज कर दिया है। इस संगठन से रोजाना किसी न किसी

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लंदन: ईरान और ईराक जैसे देशों को अपने कब्जे में लेने के बाद चरमपंथी संगठन इस्लामी स्टेट ने अपनी भर्ती प्रक्रिया को और भी तेज कर दिया है। इस संगठन से रोजाना किसी न किसी के जुड़ने की खबरें मिलती रहती है। भारत से भी कुछ समय पहले एक व्यक्ति के इस्लामी स्टेट से जुड़ने की खबर मिली थी। पूरे विश्व में लोग देश छोड़ कर चरमपंथी संगठन इस्लामी स्टेट में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। लेकिन इस्लामी स्टेट में एक नाबालिक लड़के के जुड़ने की पुष्टि हुई है। ब्रिटेन के एक 17 साल के लड़का सबसे कम उम्र का आत्मघाती हमलावर बताया जा रहा है।

   सोशल मीडिया पर आ रही रिपोर्टों के मुताबिक वेस्ट योर्कशयर निवासी तलहा असमल ने तीन और आईएस हमलावरों के साथ इराक में बैजी की तेल रिफाइनरी पर हमला किया। सोशल मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि असमल ने अबू यूसुफ़ अल ब्रितानी नाम से हमले में हिस्सा लिया।

उधर तलहा असमल के परिवार वाले गहरे सदमे में हैं। परिवार के अनुसार, तलहा बहुत प्यारा, नेक और दूसरों का ख्याल रखने वाला बच्चा है। उसे खेल-कूद का ख़ासा शौक था और स्कूल में पढ़ाई भी ठीक ही कर रहा था।

परिवार के मुताबिक, तलहा का किसी से दुश्मनी नहीं थी। उसने कभी हिंसक होने  या कट्टरपंथी विचार रखने का कोई संकेत नहीं दिया। ऐसा प्रतीत होता है कि  उसके भोलेपन का कुछ अज्ञात लोगों ने इंटरनेट की आड़ में उसे निशाना बनाया, दोस्ती की और उसे जानबूझकर भ्रमित किया।

असमल मार्च में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए, एक दोस्त हसन मुंशी के साथ, ब्रिटेन से सीरिया चला गया था। मुंशी के भाई हम्माद मुंशी को साल 2006 में आतंकवाद अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।

700 अन्य लोग आईएस से जुड़ने गए

ब्रिटेन की आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में सबसे बड़ी चुनौती है उसके युवाओं का सीरिया-इराक़ के युद्ध क्षेत्र में जाना।

वरिष्ठ अधिकारियों का अनुमान है कि इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के मकसद से अब तक 700 से अधिक ब्रितानी नागरिक देश छोड़कर जा चुके हैं। उनमें से आधे नागरिक ब्रिटेन में वापसी आ गए जबकि संकेत मिले हैं कि 30 से 50 तक अब भी वहाँ हो सकते हैं।

गृह मंत्रालय के मुताबिक सीरिया और इराक जाने के खतरे को देखते हुए साल 2013 और 2014 में ब्रिटेन ने 30 पासपोर्ट या तो रद्द किए हैं या फिर देने से मना कर दिया है.

 

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