ब्रिटिश PM का खुलासा- ‘कोरोना से मेरी मौत होने की स्थिति में आकस्मिक योजना के साथ तैयार थे डॉक्टर’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को यह खुलासा किया कि पिछले महीने यहां के एक अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के उनके इलाज के दौरान चीजें हाथ से निकल जाने और उनकी मौत होने की स्थिति में ‘‘आकस्मिक योजना’’ तैयार कर रखी गई थी।
लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को यह खुलासा किया कि पिछले महीने यहां के एक अस्पताल में कोरोना वायरस संक्रमण के उनके इलाज के दौरान चीजें हाथ से निकल जाने और उनकी मौत होने की स्थिति में ‘‘आकस्मिक योजना’’ तैयार कर रखी गई थी। पिछले हफ्ते स्वस्थ होकर 10 डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने कार्यालय सह आवास लौटे 55 वर्षीय जॉनसन ने ‘द सन ऑन संडे’ से कहा कि सात अप्रैल को सेंट थॉमस हॉस्पिटल की गहन चिकित्सा इकाई में उन्हें काफी मात्रा में ऑक्सीजन दी गई।
उन्होंने समाचार पत्र से कहा, ‘‘यह मुश्किल भरा वक्त था, मैं इससे इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने स्टालिन जैसे परिदृश्य में मौत होने से निपटने के लिए एक रणनीति तैयार की थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात से वाकिफ था कि एक आकस्मिक योजना है।’’ देश में शनिवार तक कोविड-19 से 28,000 से अधिक लोगों की मौत होने के बीच जॉनसन ने कहा, ‘‘यदि चीजें हाथ से निकल जाती हैं तो उस स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सकों ने हर इंतजाम कर रखे थे। उन्होंने मुझे एक फेस मास्क दिया था ताकि मैं ढेर सारी ऑक्सीजन ले सकूं और मैंने लंबे समय तक यह किया।’’
उनका यह साक्षात्कार उनकी मंगेतर केरी साइमंड्स द्वारा उनके नवजात शिशु की तस्वीर साझा करने के एक दिन बाद आया है। उनके बेटे का नाम विलफ्रेड लावरी निकोलस जॉनसन रखा गया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री की जान बचाने वाले दो चिकित्सकों के सम्मान में नाम में निकोलस जोड़ा गया है। जॉनसन ने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद वह सचमुच में अस्पताल नहीं जाना चाहते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कोई अच्छा कदम नहीं लग रहा था लेकिन वे लोग हठ कर रहे थे। जब उस वक्त को सोचता हूं तो यह महसूस होता है कि मुझे (अस्पताल) जाने के लिए मजबूर करने में वे सही थे।’’
उन्होंने डाउनिंग स्ट्रीट से दिए भावुक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह यकीन करना मुश्किल है कि कुछ ही दिनों में मेरा स्वास्थ्य इस कदर बिगड़ गया था। मैं परेशान महसूस करने लगा था। मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं ठीक क्यों नहीं हो रहा हूं।’’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन बुरा दौर उस वक्त आया जब यह 50:50 का मामला बन गया कि क्या वे लोग मेरी श्वास नली में ट्यूब डालने जा रहे हैं।’’ आईसीयू में बिताये उस वक्त को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘कंप्यूटरीकृत उपकरणों में लगे संकेतक गलत दिशा में जा रहे थे और मुझे लगा, ‘इस चीज के लिए कोई दवा और इलाज नहीं है।’ उस वक्त मैं सोच रहा था, ‘मैं इसे कैसे बाहर निकलूंगा’।’’
जॉनसन ने कहा कि वह इससे पहले भी कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, आमतौर पर रग्बी खेलने के दौरान लगी चोटों के कारण, लेकिन इस जैसा कुछ नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी नाक तुड़वाई, मैंने अपनी उंगली तोड़ ली, मैंने अपनी कलाई तोड़ ली, मैंने अपनी पसली तोड़ ली। मैं कई बार लगभग सभी अंग को तोड़ा लेकिन इस तरह की गंभीर स्थिति कभी नहीं रही।’’ जॉनसन के 26 मार्च को कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी और उन्हें 10 दिन बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसके अगले ही दिन उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। उन्होंने कहा कि वह शानदार नर्सिंग के चलते स्वस्थ हुए हैं।