नई दिल्ली: ब्रिटेन की शाही बच्ची का जन्म हुए अभी 2 दिन भी नहीं हुए हैं और वो विवादों में घिर गई है। रूस के अखबार कोमोसोमोल्सकाया प्रावदा ने दावा किया है कि ब्रिटेन में शाही खानदान में पैदा हुई बच्ची प्रिंसेस केट मिडिलटन की नहीं बल्कि किसी सरोगेट मदर की कोख से हुई है। इस अखबार का दावा है कि शाही खानदान ने केट की प्रेगनेंसी का नाटक रचकर जिस तरह से जनता को धोखा दिया है वो शर्मनाक है।
अखबार ने कहा कि पूरे रूस में औरतों के बीच बात चल रही है कि कोई औरत प्रसव पीड़ा को झेलने के बाद इतनी पस्त हो जाती है कि उसमें खड़े होने की ताकत नहीं रहती। ऐसे में केट इतने बढ़िया स्वास्थ्य और प्रफुल्लित चेहरे के साथ हाई हील में बच्चे को लेकर बाहर आई कि उन्हें देखकर नहीं लगता कि उन्होंने अभी भी प्रसव पीड़ा झेली है।
रूसी अखबार ने सवाल उठाया कि केट की गोद में जो बच्ची दिख रही है उसकी शक्ल देखकर कोई नहीं कह सकता है कि वो मात्र दो या तीन घंटे पहले पैदा हुई है। बच्ची तीन या चार दिन पहले पैदा हुई लगती है। कहा जा रहा है कि बच्ची ने अगर नार्मल डिलीवरी के जरिए जन्म लिया है तो वो तीन दिन पहले पैदा हुई होगी।
अखबार ने कहा है कि जिस तरह केट बच्ची को लेकर अस्पताल के बाहर आ गई वो, अस्वाभाविक और नकली लगता है। कोई महिला बच्चे को जन्म देने की कष्टदायक प्रक्रिया के मात्र तीन घंटों बाद इतनी सजग, स्वस्थ और सुंदर कैसे दिख सकती है। इन अफवाहों के उड़ने के बाद अखबार ने केट के बेबी बंप पर भी सवाल उठाया है। अखबार ने कहा है कि केट ने अपनी प्रेगनेंसी को साबित करने के लिए इतने दिन तक नकली बेबी बंप का इस्तेमाल किया और बच्ची के जन्म के बाद अस्पताल में भर्ती हो गई।
अखबार ने लिखा है कि सामान्य डिलीवरी के कुछ घंटे बाद तक तो महिला को होश तक नहीं रहता। अगर होश में हो भी तो वो सोती रहती है। ऐसे में केट किस तरह सफेद कपड़ों में बिलकुल बन ठन कर जनता के बीच आई, समझ से बाहर है।
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