लंदन: ब्रिटेन के एक अग्रणी थिंकटैंक ने देश में और भारतीयों को आकर्षित करने के लिए किफायती वीजा व्यवस्था की वकालत की है। रॉयल कॉमनवेल्थ सोसाइटी (RCS) ने बताया है कि ब्रिटेन पिछड़ रहा है क्योंकि यहां की तुलना में वर्ष 2016 में भारत के ज्यादा पर्यटक फ्रांस गए। ब्रिटेन की तुलना में 1,85,000 अधिक भारतीय पर्यटक फ्रांस गए। थिंकटैंक के यह आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब ब्रिटेन जाने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या में 2017 में कमी देखने को मिली है जबकि चीनियों को सबसे ज्यादा वीजा दिया गया है।
ब्रिटेन में आने वाले यात्रियों में भारतीय नागरिकों की हिस्सेदारी 2016 में 1.73 प्रतिशत घट गई जबकि फ्रांस में यात्रा में 5.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ। RCS ने कहा, ‘ब्रिटेन में भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी 2006 के 4.4 प्रतिशत से घटकर 2016 में 1.9 प्रतिशत रह गई। वर्ष 2016 में 6,00,000 भारतीय फ्रांस गए। इस तरह ब्रिटेन से 1,85,000 अधिक भारतीय पर्यटक फ्रांस गए।’ आपको बता दें कि इससे पहले भी रिपोर्ट आई थी कि ब्रिटेन जाने वाले भारतीय प्रवासियों की संख्या में 2016 की तुलना में 2017 में 10 प्रतिशत की कमी आई। यह आंकडा ब्रिटेन में लघु और दीर्घ अवधि के प्रवास के लिए आवश्यक राष्ट्रीय बीमा नंबर पंजीकरण (NINO) पर आधारित है।
आंकड़े के जरिए पता चलता है कि स्टडी वीजा पर ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई के लिए आने वालों में भी भारतीयों की संख्या अधिक है। पिछले साल अध्ययन संबंधी वीजा में चीन, अमेरिका और भारत की कुल मिलाकर हिस्सेदारी आधे (53 प्रतिशत) से ज्यादा थी। सबसे ज्यादा चीनी नागरिकों को 88,456 वीजा दिया गया। यह कुल वीजा का 40 प्रतिशत है। वहीं भारतीयों की बात करें तो उन्हें 14,445 वीजा दिए गए। पूर्व के वर्ष की तुलना में पिछले साल भारतीयों को छात्र वीजा में 28 प्रतिशत का इजाफा हुआ।
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