ब्रिटेन चुनाव में कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच बराबरी का मुकाबला
लंदन: ब्रिटेन में पिछले कुछ दशकों के सबसे करीबी मुकाबले वाले आम चुनावों के लिए आज मतदान हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री डेविड कैमरन दूसरे कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे हैं तो उनकी सत्तारूढ़
लंदन: ब्रिटेन में पिछले कुछ दशकों के सबसे करीबी मुकाबले वाले आम चुनावों के लिए आज मतदान हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री डेविड कैमरन दूसरे कार्यकाल के लिए किस्मत आजमा रहे हैं तो उनकी सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी को विपक्षी लेबर पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है।
देश में लाखों लोग मतदान करने पहुंचे और अनेक नेता भी सबसे पहले इस प्रक्रिया में भाग लेने वालों में शामिल रहे। मौसम खुशनुमा होने की वजह से बड़ी संख्या में मतदाता निकल रहे हैं। मतदान पहले हल्का फुल्का शुरू हुआ लेकिन इसके धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है।
ब्रिटेन में 15 लाख प्रवासियों और 6,15,000 भारतीय मूल के विद्यार्थियों समेत भारतवंशियों की अहम भूमिका है और इस टक्कर के मुकाबले में हर वोट का महत्व है। ब्रिटेन में भारत की तरह ही चुनाव व्यवस्था है जिसमें अधिक मत प्रतिशत के बजाय अधिक वोट बटोरने वाली पार्टी को विजयी माना जाता है।
चुनावी पंडित त्रिशंकु संसद का पूर्वानुमान लगा रहे हैं। 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत पाने के लिए 326 सांसदों का जादुई आंकड़े तक पहुंचना होगा। प्रधानमंत्री कैमरन पत्नी सामंथा के साथ ऑक्सफोर्डशायर में अपने निर्वाचन क्षेत्र विटनी में शुरूआती मतदान करने वालों में शामिल रहे।
ब्रिटेन में करीब 50,000 मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हुई जो स्थानीय समयानुसार रात 10 बजे तक चलेगी। लिबरल डेमोक्रेट निक क्लेग, यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी के नाइजल फराज और स्कॉटिश नेशनल पार्टी की निकोला स्टुरजन समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे मतदान शुरू होने के बाद वोट डाला।
इस चुनाव में कुल 650 सांसदों का चयन होगा और मतदान के लिए करीब पांच करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। ये मतदाता आम चुनावों के साथ ही 290 इंग्लिश स्थानीय निकायों की 10,000 से अधिक काउंसिल सीटों के लिए भी वोट डालेंगे। चुनाव में भारतीय मूल के कुछ प्रमुख उम्मीदवारों में लेबर पार्टी के कीथ वाज शामिल हैं।
अरुण और सूरिया फोताय क्रमश: बर्मिंघम यार्डले और वोल्वरहैंपटन साउथ ईस्ट से किस्मत आजमा रहे हैं। कैबिनेट में भूमिका निभा चुकीं प्रीति पटेल अपनी विटहम सीट को सुरक्षित रखने को लेकर आशान्वित हैं। इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति के दामाद ऋषी सुनक पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और उनके रिचमंड से इतिहास रचने की उम्मीद है। कुछ लोग डाक मतदान के जरिये पहले ही वोट डाले जा चुके हैं। पहली बार लोगों को ऑनलाइन मतदान के लिए पंजीकरण की सुविधा मिली है।
ताजा सर्वेक्षण बताते हैं कि कंजर्वेटिव और लेबर पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला है और त्रिशंकु संसद आने की पूरी संभावना है। मतदान नहीं करके तटस्थ भूमिका निभाने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय शुक्रवार तक परिणाम घोषित होने के बाद अधिक समर्थन वाले नेता को नयी सरकार बनाने के लिए बुलाएंगी। इसके बाद वह 27 मई को संसद में क्वींस स्पीच देंगी जिसमें नयी सरकार का एजेंडा रेखांकित होगा।